Edited By Kamini,Updated: 28 May, 2025 01:15 PM

विजीलैंस ब्यूरो द्वारा विधायक रमन अरोड़ा के समधी राजू मदान को सूरत से गिरफ्तार करने संबंधी अफवाह आज पूरे दिन शहर में फैली रही।
जालंधर : विजीलैंस ब्यूरो द्वारा विधायक रमन अरोड़ा के समधी राजू मदान को सूरत से गिरफ्तार करने संबंधी अफवाह आज पूरे दिन शहर में फैली रही, लेकिन विजीलैंस के एक बड़े जांच अधिकारी द्वारा राजू मदान की गिरफ्तारी संबंधी बात को नकार दिया है। जांच अधिकारी ने कहा कि राजू मदान को गिरफ्तार करने के लिए सूरत कोई टीम नहीं भेजी गई है। विजीलैंस की टीमों द्वारा बेनामी संपत्ति के मामले में कई जगहों पर जाकर आज जमीनों की पैमाइश की गई हैं। खासकर पीर बोदला बाज़ार सहित परागपुर इलाके में जाकर कई प्रॉपर्टियों की पैमाइश की गई है।
दुकानों की फाइलें विजीलैंस ने मंगवाई
शहर के एक शराब ठेकेदार के साथ मिलकर बनाई दुकानों की फाइलें विजीलैंस ने मंगवाई है। विजीलैंस के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक विजीलैंस को जे.पी नगर से बस्ती इलाके को जाती रोड पर स्थित पंचवटी मंदिर के पास बनी दुकानों के बारे भी जानकारी मिली है, जिसमें शहर का एक नामी शराब ठेकेदार भी शामिल है। इसी के साथ मिलकर विधायक रमन अरोड़ा ने दुकानें बनाई है। यह शराब ठेकादार रमन अरोड़ा का रिश्तेदार भी है।
बठिंडा से जालंधर आकर सैटल हुए तेल कारोबारी
बठिंडा के साथ सटे रामामंडी इलाके से जालंधर में आकर सैटल हुए तेल कारोबारी के बारे भी कई फाइलें मिली हैं। उक्त तेल कारोबारी के बारे भी विजीलैंस को कई प्रॉपर्टियों के कागजात के सूबूत हाथ लगे हैं। विजीलैंस को पता चला है कि उक्त कारोबारी विधायक रमन अरोड़ा के पड़ोस में ही रहता है।
विधायक रमन अरोड़ा के कहने पर ए.टी.पी. ने भेजा था नोटिस
वहीं शहर के एक नामी डॉक्टर जिनका अस्पताल 1986 में बना था, उन्हें विधायक रमन अरोड़ा के कहने पर ए.टी.पी. सुखदेव वशिष्ठ ने नोटिस भेजा था। क्योंकि वह भाजपा नेता मनोरंजन कालिया का करीबी था। महज पार्टीबाजी की रंजिश के चलते विधायक द्वारा उन्हें नोटिस भेजा गया था। शहर के नामी डॉक्टर की 1986 में बनी बिल्डिंग को भी विधायक रमन अरोड़ा के कहने पर ए.टी.पी. ने नोटिस भेजा था। डॉक्टर द्वारा नाम न बताने की शर्त पर बताया कि वह खुद विजीलैंस विभाग के समक्ष पेश हुए थे और विजीलैंस द्वारा खुद ए.टी.पी सुखदेव वशिष्ठ को सामने बुलाकर पूछा गया था कि कहीं ए.टी.पी ने उनसे पैसे तो नहीं मांगे थे। लेकिन डॉक्टर द्वारा जब साफ किया गया कि पैसे नहीं मांगे गए थे तो डॉक्टर ने खुद ए.टी.पी. से पूछा कि नोटिस क्यों भेजा गया था, जिस पर ए.टी.पी ने जवाब में कहा कि वह तो उन्हें जानता भी नहीं है और जो नोटिस भेजा था, वह विधायक जी के कहने पर भेजा था।
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