Edited By Urmila,Updated: 11 Oct, 2025 11:43 AM

गांव चक कनियां कलां का बूटा सिंह, जो अक्टूबर 2024 में पढ़ाई के लिए रूस गया था, अब रूस-यूक्रेन युद्ध में घायल होकर मॉस्को के अस्पताल में इलाज करवा रहा है।
मोगा : गांव चक कनियां कलां का बूटा सिंह, जो अक्टूबर 2024 में पढ़ाई के लिए रूस गया था, अब रूस-यूक्रेन युद्ध में घायल होकर मॉस्को के अस्पताल में इलाज करवा रहा है। बूटा का आरोप है कि वहां एक महिला ने उसे कंस्ट्रक्शन काम के बहाने रूसी सेना में भर्ती करवा दिया। सिर्फ 10 दिन की ट्रेनिंग के बाद उसे बॉर्डर पर भेज दिया गया, जहां डेढ़ महीने पहले यूक्रेन की ओर से ड्रोन हमला हुआ। वह बुरी तरह से घायल हो गया और उसके साथ के दोनों रूसी सैनिक मारे गए।
तीन दिन तक पैदल चलकर वह किसी तरह शहर पहुंचा और अब इलाज करवा रहा है। उसका जबड़ा अभी भी टूटा हुआ है और इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। वीडियो कॉल के जरिए उसने भारत सरकार से वापसी की अपील की है और बाकी भारतीय युवाओं को रूस न जाने की चेतावनी भी दी है।
बूटा की बहन ने बताया कि उसने यूट्यूब पर एजेंट से संपर्क किया था। घर की जमीन बेचकर और कर्ज लेकर करीब 4 लाख खर्च कर वह रूस पहुंचा। वहां खर्च चलाने के लिए छोटा-मोटा काम करने लगा। इस दौरान एक महिला के झांसे में आकर वह आर्मी के नाम पर जंग में फंस गया। महिला ने उससे कहा कि रूस की आर्मी में कंस्ट्रक्शन का काम है। सेना में काम के लिए उसे हथियार चलाने की बेसिक ट्रेनिंग जरूरी है। इस तरह से महिला ने उसे धोखे में रखकर रूस के सैन्य कैंप में भेज दिया। यहां पर उसे 10 दिन रखा गया और सैनिकों ने बंदूक सहित अन्य हथियार चलाने सिखाए। इसके बाद मॉस्को से उसे बॉर्डर पर भेज दिया गया।
परिवार की गुहार और सरकार की प्रतिक्रिया
परिजन भारत सरकार से अपील कर रहे हैं कि बेटे को वापस लाया जाए। मां की हालत बेहद भावुक है। राज्यसभा सांसद बलबीर सिंह सीचेवाल ने भी 24 जुलाई को ये मामला संसद में उठाया था। विदेश मंत्रालय ने भरोसा दिया कि रूसी अधिकारियों से संपर्क कर वापसी में मदद की जाएगी।
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