Edited By Kalash,Updated: 07 Apr, 2025 05:28 PM

इस अवसर पर सभी गांवों से 200 से अधिक किसान उपस्थित थे।
बनूड़ (गुरपाल): पंजाब सरकार की ओर से प्रस्तावित दशमेश नहर को लेकर शुरू की गई जनसुनवाई के तहत आज इस क्षेत्र के 9 गांव मच्छली खुर्द, गिद्दडपुर, सोएमाजरा, पत्तरां, चडियाला सूदा, तसौली, देवीनगर (अबरावां), मानकपुर और ऊंचा खेड़ा की बैठक अबरावां के गुरुद्वारा साहिब में हुई। इस अवसर पर सभी गांवों से 200 से अधिक किसान उपस्थित थे।
इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के एक्शन अधिकारी मनदीप सिंह चाहल, एसडीओ सागर लांबा, एसडीओ मुकुल अग्रवाल, जिलाधीश हरप्रीत सिंह, एआरसी सतीश कुमार, कोमल मट्टू, पटवारी गगनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, चाणक्य, टिक्का सिंह तथा पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के मानव विज्ञान विभाग एवं सामाजिक प्रभाव आकलन प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रोफैसर जे.एस. शेरावत के नेतृत्व में पूरी टीम, जो नहर के लिए संपूर्ण सामाजिक प्रभाव आकलन कर रही है तथा अब जन सुनवाई कर रही है, उपस्थित थे।
इस मौके पर अबरावा के सरपंच गुरचरण सिंह, नरिंदर सिंह, सूबेदार बचन सिंह, सूबेदार धर्म सिंह, गिद्दडपुर के पूर्व सरपंच जसविंदर सिंह पप्पा, मछली खुर्द के नंबरदार स्वर्ण सिंह, सोएमाजरा के सरपंच हाकम सिंह, पत्तरां के नंबरदार स्वर्ण सिंह हुंदल, तसौली के कुलवंत सिंह ढंडी, चडियाला सूदा के जसप्रीत सिंह, लांडरां के पूर्व सरपंच गुरमुख सिंह, प्रो परविंदर सिंह आदि ने संबोधित किया।
उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा प्रस्तावित दशमेश नहर के लिए भूमि के प्रावधान पर अपने-अपने गांवों का विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि वे नहर के लिए अपने गांव की जमीन नहीं देंगे और यदि सरकार ने दबाव डाला, तो वे संघर्ष से भी पीछे नहीं हटेंगे। इस अवसर पर किसानों ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
किसानों का कहना है कि इस क्षेत्र में जमीन बहुत कम है। रेलवे, भारत माला परियोजना और राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए यहां पहले ही जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है और अब नहर बनने से किसानों के पास खेती के लिए कोई जमीन नहीं बचेगी। उन्होंने कहा कि जब जमीन ही नहीं बचेगी, तो नहर का क्या उपयोग होगा? अधिकारियों ने किसानों की बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
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