Edited By Kamini,Updated: 27 Sep, 2024 04:22 PM
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने पंजाब की शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
पंजाब डेस्क : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने पंजाब की शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। तरुण चुघ ने लुधियाना में हुई घटना के लिए पंजाब शिक्षा विभाग की आलोचना की है, जिसमें प्रश्नपत्र छपवाने के लिए पर्याप्त धनराशि न होने के कारण 397 छात्र परीक्षा नहीं दे पाए। उन्होंने इसे प्रशासनिक लापरवाही उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि सरकार पंजाब में बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल रही है।
इस मौके चुघ ने सवाल उठाया कि इस तरह की प्रशासनिक गलतियों को कैसे सामान्य बनाया जा रहा है, क्या शिक्षा विभाग इन बार-बार की गई गलतियों से समाज को यही संदेश दे रहा है। उन्होंने चिंता जताई कि अगर यह शिक्षा प्रणाली में क्रांति लाने का मॉडल है, जैसा कि 'आप' नेताओं ने अपने 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' पहल के साथ दावा किया है, तो पंजाब के बच्चों का भविष्य गंभीर खतरे में है। तरुण चुघ ने आगे कहा कि हाल ही में अयोग्य शिक्षकों को अंग्रेजी पढ़ाने के पदों पर पदोन्नत करने के मामले का भी जिक्र किया।
उन्होंने बताया कि ये घटनाएं शिक्षा विभाग की नीतियों और प्रशासनिक विफलता में महत्वपूर्ण खामियों को दर्शाती हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी एक गंभीर मुद्दा है, जो छात्रों को उनके मौलिक शैक्षिक अधिकारों से वंचित कर रहा है। उन्होंने पंजाब स्मार्ट स्कूल नीति के बारे में 'आप' के दावों की आलोचना की, और कहा कि वे दिन-प्रतिदिन हो रही कई प्रशासनिक गलतियों के साथ सही दिशा में आगे नहीं बढ़ रहे हैं। पंजाब शिक्षा विभाग के भीतर दोषपूर्ण नीतियों और अक्षमता के कारण शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है। चुघ ने राज्य में स्कूली शिक्षा प्रणाली पर गुमराह और धोखेबाज दावे करने के लिए 'आप' सरकार की कड़ी निंदा की, जो पंजाब में पूरी तरह विफल साबित हुई है।
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