Edited By Subhash Kapoor,Updated: 16 Aug, 2025 05:21 PM

पंजाब सरकार द्वारा अंकुर नरूला के करीबी सहयोगी जतिंदर मसीह गौरव को अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर बवाल मच गया है। बताया जा रहा है कि जतिंद्र मसीह गौरव की इस पद पर नियुक्ति के बाद राजनीतिक व धार्मिक हलकों में बहस छिड़ गई है।
पंजाब डैस्क : पंजाब सरकार द्वारा अंकुर नरूला के करीबी सहयोगी जतिंदर मसीह गौरव को अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर बवाल मच गया है। बताया जा रहा है कि जतिंद्र मसीह गौरव की इस पद पर नियुक्ति के बाद राजनीतिक व धार्मिक हलकों में बहस छिड़ गई है।
जालंधर से आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट सिरमनजीत सिंह ने मुख्य सचिव से इस संबंध में शिकायत की है और कहा है कि जतिंदर मसीह उर्फ गौरव की नियुक्ति करते समय कानून को ताक पर रखा गया है। सिमरनजीत सिंह ने कहा कि अगर नियुक्ति रद्द नहीं होती तो वह हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जतिंदर मसीह ने हाल ही में धर्म परिवर्तन किया है, ऐसे में उनकी नियुक्ति मूल ईसाई समाज के अधिकारों को हाशिये पर धकेल देगी। एडवोकेट सिमरन का कहना है कि सरकार के इस कदम से धर्मांतरण को बढावा मिलेगा, जबकि मूल ईसाई समुदाय के लोग अपने हक से वंचित रह जाएंगे।
जानकारों का मानना है कि यह विवाद सिर्फ नियुक्ति तक सीमित नहीं है बल्कि पंजाब में तेजी से बढ़ते पेंटेकोस्टल चर्चों और उनके प्रभाव के इर्द-गिर्द भी केंद्रित है। अंकुर नरूला मिनिस्ट्रीज़ पहले ही पंजाब के सबसे बड़े चर्चों में शुमार है और अब उनके करीबी सहयोगी का संवैधानिक पद पर पहुंचना धार्मिक-राजनीतिक संतुलन पर सवाल खड़े कर रहा है।
