Edited By Vatika,Updated: 18 Mar, 2021 01:58 PM

पंजाब में कोरोना के बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने बड़ा ऐलान करते हुए पंजाब के 11 जिलों
चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कोरोना से बुरी तरह प्रभावित राज्य के 9 जिलों में रात का कर्फ्यू 2 घंटे बढ़ाने के साथ आने वाले दिनों में कई और कड़े कदम उठाने और पाबंदियां लगाने की चेतावनी भी दी है। कैप्टन ने अपनी सरकार के 4 वर्ष पूरे होने पर आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। लुधियाना, जालंधर, पटियाला, मोहाली, अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला और रोपड़ जिलों में अब रात 11 बजे के बजाय रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा। इन सभी जिलों में रोजाना 100 से अधिक कोरोना मामले आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति गम्भीर होती जा रही है तथा ऐसे में सरकार कई और कड़े कदम उठाने को मजबूर हो सकती है जिनके बारे में सरकार कोरोना सम्बंधी विशेषज्ञों से विचार विमर्श करने के बाद फैसला लेगी। इनमें सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक कायक्रमों में लोगों की संख्या सीमित करने या प्रतिबंध लगाना और जुर्माना राशि बढ़ाना भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोगों के साथ नरमी नहीं बरतूंगा। चाहे उन्हें यह अच्छा न लगे लेकिन उनका फर्ज है।'' उन्होंने कहा राज्य में कोरोना मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। उन्होंने कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लोगों से मास्क पहनने, हाथ थोने, साफ सफाई रखने तथा सामाजिक दूसरी बनाने जैसे सभी ऐहतियाती दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर किसी को अगर कोरोना सम्बंधी कोई भी लक्ष्ण दिखाई देते हैं तो वह तुरंत डॉक्टर के पास जाए और जांच कराए। उन्होंने कहा कि समस्या इस बात की कि लोग अस्पताल देरी से जा रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार राज्य के उन क्षेत्रों में टीकाकरण बढ़ाने की अनुमति देगी जहां कोरोना संक्रमण के ज्यादा मामले आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गत बुधवार को हुई बैठक में उन्होंने यह सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तीर्थ यात्रा और धार्मिक उद्देश्य से पंजाब से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है लेकिन कहना चाहते हैं कि वह इसके पक्ष में नहीं हैं क्योंकि यह लोगों का धार्मिक मामला है। अलबत्ता पड़ोसी राज्य से अगर इस बारे में कोई औपचारिक पत्र प्राप्त होता है तो वह इस पर कोई उपयुक्त फैसला लेंगे।