Edited By Vatika,Updated: 01 May, 2025 02:55 PM

न्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं। इससे लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिली।
जालंधर: पंजाब केसरी द्वारा जालंधर के सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में रजिस्ट्री कार्य समय से पहले बंद करने और विभागीय लापरवाही को लेकर किए गए खुलासे के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़े निर्देश जारी किए हैं कि ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक निरंतर रजिस्ट्री का कार्य करें। जिसको लेकर सब-रजिस्ट्रार जालंधर-1 और जालंधर-2 ने अपने-अपने कार्यालयों के बाहर नोटिस चस्पा कर दिए हैं, जिनमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि अब दस्तावेज़ों की रजिस्ट्रेशन का काम सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक किया जाएगा।
यह कार्रवाई उस वक्त की गई जब पंजाब केसरी ने बीते शुक्रवार को हुई एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया था। दरअसल, 27 अप्रैल को जिला प्रशासन द्वारा "दौड़ता पंजाब" नामक मैराथन का आयोजन किया गया था। इस मैराथन के प्रबंधों को लेकर आयोजित एक बैठक में शामिल होने के लिए ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्री कार्यालय का काम निर्धारित समय से पहले, यानी दोपहर 3 बजे ही बंद कर दिया था, जबकि आम जनता दस्तावेज रजिस्ट्री के लिए इंतजार कर रही थी। इस समय से पहले कार्य बंद करने के कारण कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पंजाब केसरी ने जब कार्यालय का दौरा किया, तो वहां कई आवेदक अपने कागज़ात लेकर रजिस्ट्री करवाने की प्रतीक्षा में खड़े मिले। किसी ने बैंक से लोन लेकर रजिस्ट्री करवानी थी तो कोई अपने जमीन-जायदाद के जरूरी दस्तावेज को विभागीय मंजूरी दिलाने आया था। लेकिन उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं। इससे लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिली।
सूत्रों की मानें तो डिप्टी कमिश्नर के ध्यान में सारा मामला आते ही उन्होंने कहा कि मैराथन की मीटिंग बाद में भी हो सकती थी, लेकिन आम जनता का काम पहले होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट आदेश दिए कि पहले कार्यालय में जाकर बकाया फाइलों और लंबित दस्तावेजों को निपटाएं और जनता को राहत दें। जालंधर में सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में कार्य प्रणाली को लेकर पंजाब केसरी द्वारा उठाई गई आवाज ने न सिर्फ प्रशासन को जगाया बल्कि आम जनता के हितों को प्राथमिकता दिलाई। अब यह देखने वाली बात होगी कि यह व्यवस्था कितनी स्थायी होती है और क्या समय की पाबंदी से रजिस्ट्री कार्यों में पारदर्शिता और गति दोनों सुनिश्चित हो पाती है या नहीं। फिलहाल इतना तय है कि अब सुबह 9 से शाम 4 बजे तक कोई भी व्यक्ति अपने दस्तावेजों की रजिस्ट्री या संबंधित कार्य के लिए बेझिझक कार्यालय पहुंच सकता है।
भविष्य में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त
डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में किसी भी अधिकारी द्वारा विभागीय कार्य में लापरवाही बरतना या जनहित से जुड़ी सेवाओं में बाधा पहुंचाना सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री कार्यालयों में आने वाले अधिकतर लोग पहले से ही बैंक लोन, कोर्ट की तारीख या संपत्ति सौदे के टाइम बाउंड मामलों में होते हैं। ऐसे में कार्य में देरी या समय से पहले कार्य रोकना सीधे तौर पर जनता के हितों की अनदेखी है।
रजिस्ट्री कार्यालयों में समय की पाबंदी का होगा लाभ
प्रशासन के इस आदेश के बाद रजिस्ट्री कार्यालयों में समयबद्धता सुनिश्चित होगी। इससे न केवल दस्तावेजों की प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि आम नागरिकों को भी यह स्पष्ट रहेगा कि उन्हें किस समय कार्यालय पहुंचना है और कब तक कार्य किया जाएगा। इससे अफसरशाही पर नियंत्रण रखने में भी मदद मिलेगी।