Edited By Subhash Kapoor,Updated: 11 Jul, 2025 05:42 PM

सिविल सर्जन डॉ. गुरिंदरजीत सिंह के निर्देशन में जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. हरीश कृपाल ने शुक्रवार को नवांशहर के 6 निजी अल्ट्रासाऊंड स्कैन केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने अल्ट्रासाऊंड स्कैन केंद्रों के रिकॉर्ड की भी जांच की।
नवांशहर (त्रिपाठी): सिविल सर्जन डॉ. गुरिंदरजीत सिंह के निर्देशन में जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. हरीश कृपाल ने शुक्रवार को नवांशहर के 6 निजी अल्ट्रासाऊंड स्कैन केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने अल्ट्रासाऊंड स्कैन केंद्रों के रिकॉर्ड की भी जांच की। इस अवसर पर पी.एन.डी.टी. के कार्यकारी को-आर्डीनेटर हरनेक सिंह भी उनके साथ मौजूद थे।
इस अवसर पर जिला परिवार भलाई अधिकारी ने बताया कि पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट का मुख्य मंतव्य जन्म से पहले लिंग निर्धारण टैस्टों पर पाबंदी लगा कर मादा भ्रूण हत्या को रोकना है। उन्होंने निजी अल्ट्रासाऊंड स्कैन केंद्रों के प्रतिनिधियों को हिदायत करते हुए कहा कि पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट की धाराओं का पूरी तरह से पालन किया जाए।
जिला परिवार भलाई अधिकारी ने कहा कि जिले में यदि कोई पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट की उलंघना करता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गर्भ अवस्था में लिंग जांच करना तथा करवाना दोनों अपराध है। इस अपराध में शामिल डाक्टर से लेकर जांच करने वाले तथा करवाने वाले बराबर के दोषी माने जाते है तथा अपराध सिद्ध होने पर न्यूनतम 3 वर्ष की कैद का प्रावधान है।