Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Sep, 2017 12:04 PM
धान के सीजन की शुरूआत में पंजाब सरकार की तरफ से बढ़ाई गई मार्कीट फीस का प्रभाव व्यापारियों की तरफ से खरीद किए जा रहे धान पर पडऩे की संभावना बन गई है।
सादिक (परमजीत): धान के सीजन की शुरूआत में पंजाब सरकार की तरफ से बढ़ाई गई मार्कीट फीस का प्रभाव व्यापारियों की तरफ से खरीद किए जा रहे धान पर पडऩे की संभावना बन गई है। सरकारी खरीद से पहले मंडियों में आने वाले धान की फसल व्यापारियों की तरफ से अच्छे भाव पर खरीदी जाती है। इसके साथ जहां मंडियों में फसल बर्बाद नहीं होती, वहीं साथ-साथ फसल की सांभ-संभाल भी होती रहती है परन्तु सरकार की तरफ से अचानक मार्कीट फीस में विस्तार करने से व्यापारी वर्ग परेशान है।
जिला मंडी अफसर फरीदकोट कुलबीर सिंह मत्ता ने बताया कि पंजाब सरकार कृषि विभाग मंडी शाखा मंडी बोर्ड पंजाब ने अपने पत्र द्वारा समूह संबंधित अधिकारियों और दफ्तरों को सूचित किया है कि अनाज पर लगाई जाने वाली मार्कीट फीस और आर.डी.एफ. (रूलर डिवैल्पमैंट फंड) में 1-1 प्रतिशत का विस्तार किया गया है।
पंजाब सरकार की तरफ से कृषि जिंसों पर वसूली जाने वाली मार्कीट फीस और आर.डी.एफ. की दर को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत कर दिया गया है। जौ, ज्वार, बाजरा आदि पर मार्कीट फीस और आर.डी.एफ. लगाने संबंधी नोटीफिकेशन अलग तौर पर जारी होगा। व्यापारियों पर अचानक पड़े 30 रुपए प्रति क्विंटल का बोझ फिर किसानों पर ही पडऩा है क्योंकि व्यापारियों ने फसल पर पड़ते खर्चे खरीद मूल्य में ही डालकर धान की फसल खरीदनी है।