Edited By Sunita sarangal,Updated: 02 Feb, 2020 08:38 AM
केन्द्र सरकार द्वारा आज जारी बजट में कृषि सैक्टर को लेकर की गई घोषणाओं का जहां सत्ताधारी पार्टी से संबंधित नेता जोरदार स्वागत कर रहे हैं, वहीं किसान जत्थेबंदियों के नेताओं और......
गुरदासपुर(हरमन): केन्द्र सरकार द्वारा आज जारी बजट में कृषि सैक्टर को लेकर की गई घोषणाओं का जहां सत्ताधारी पार्टी से संबंधित नेता जोरदार स्वागत कर रहे हैं, वहीं किसान जत्थेबंदियों के नेताओं और बुद्धिजीवियों सहित कई राजनीतिक नेताओं ने इस बजट को नाटक करार देते हुए यह दावा किया है कि इस बजट में घोषित 16 एक्शनों वाला प्लान मोदी सरकार का एक और जुमला है। ये नेता यह दावा कर रहे हैं कि मोदी सरकार पिछले कई सालों से किसानों की आमदन दोगुनी करने का राग अलापती आ रही है, जबकि आज तक इस ऐलान को अमली जामा पहनाने में इस सरकार ने कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाया।
किसान नेता सबसे ज्यादा नाराजगी इस बात पर जता रहे हैं कि वर्तमान में किसान जिन मुद्दों और मुश्किलों से जूझ रहे हैं, उनके समाधान का कहीं जिक्र तक नहीं किया गया। गौरतलब है सरकार किसानों पर चढ़े सभी कर्जों को माफ करने, प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे, कृषि लागत घटाने, फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने सहित अनेक ऐसे मुद्दे हैं जिनके बारे में बजट में कोई घोषणा नहीं की गई जिस कारण किसान इस बजट की आलोचना कर रहे हैं। इस संदर्भ में किसान यह दावा भी कर रहे हैं कि देश में कृषि की विकास दर बढ़ने की बजाय लगातार नीचे गिर रही है, परन्तु सरकार केवल वही फैसले कर रही है जो किसानों की बजाय कार्पोरेट घरानों को लाभ देने वाले हैं।
इन मुद्दों पर क्या?
- कृषि कर्ज
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट
- प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हुई फसलों का समाधान
- कृषि लागत कम करने के उपाय