Edited By Vatika,Updated: 23 Sep, 2024 01:29 PM
जालंधर(अनिल पाहवा) : भारतीय जनता पार्टी पंजाब में पिछले कुछ समय से कई तरह के एक्सपैरीमैंट कर रही है। इन एक्सपैरीमैंट का पार्टी को फायदा कोई हुआ हो या न हुआ हो, लेकिन इसका नुक्सान होता दिखना शुरू हो गया है। दूसरी पार्टियों से लाकर भाजपा में कई नेताओं को अहम पदों पर बिठाया गया, लेकिन इसके बावजूद पार्टी को पंजाब में कोई सफलता मिलती नहीं दिख रही है। इस सबके बीच पंजाब में भाजपा के टकसाली नेताओं का रोष फूटना शुरू हो गया है, जिसके कारण पार्टी को आने वाले समय में नुक्सान झेलना पड़ सकता है। खासकर पार्टी के कई अहम पदों पर रहे वरिष्ठ भाजपा नेता सुखमिंद्र पाल सिंह ग्रेवाल की तीखी टिप्पणियों ने पार्टी की नीतियों को सवालों के घेरे में ला दिया है।
टकसाली नेताओं की अनदेखी बर्दाश्त नहीं
ग्रेवाल ने सीधे तौर पर आरोप लगाए हैं कि पंजाब में भाजपा की कमान कांग्रेस के उन नेताओं के हाथों में है, जो केवल खुद को बचाने के लिए भाजपा में शामिल हुए थे। पार्टी के साथ वर्षों तक कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले टकसाली भाजपा नेताओं को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा कैडर की यह अनदेखी बर्दाश्त से बाहर हो रही है और वह पहले भी पार्टी के आगे ऐसे मसलों को उठाते रहे हैं और अब भी टकसाली नेताओं की अनदेखी के खिलाफ अपना रोष जारी रखेंगे।
पार्टी के लिए खून पसीना बहाने वालों को पुराना सामान बनाकर लगाया खुड्डेलाइन
ग्रेवाल ने कहा कि भाजपा का कांग्रेसीकरण हो रहा है। पुराने नेताओं को जिन्होंने अपने खून पसीने से पार्टी को सींचा था, उनको अब कोई नहीं पूछ रहा। मदन मोहन मित्तल, मास्टर मोहन लाल, लक्ष्मीकांत चावला, अविनाश राय खन्ना, तीक्षण सूद, मनोरंजन कालिया, हरजीत सिंह ग्रेवाल, सुरजीत कुमार ज्याणी, सोम प्रकाश जैसे कुछ नाम हैं, जिन्हें पार्टी को याद रखना चाहिए। इन लोगों ने पंजाब में आतंकवाद के दौर का सामना किया है और पार्टी को जिंदा रखने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन हैरानी की बात है कि ऐसे वरिष्ठ नेताओं को इस तरह से खुड्डेलाइन लगा दिया है, जैसे घर में कोई पुराना सामान अकसर स्टोर में या घर के किसी कोने में छोड़ा जाता है।
आतंकवाद के दौर में टकसाली भाजपाइयों ने ही लड़ी थी लड़ाई
ग्रेवाल ने कहा कि मदन मोहन मित्तल को पंजाब भाजपा की कमान संभालने के लिए उस समय जिम्मेदारी दी गई थी, जब आतंकवाद का दौर था और कोई भी भाजपा जैसी पार्टी के लिए घर से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था। लेकिन मित्तल ने इस जिम्मेदारी को खूब मेहनत से निभाया था। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को वास्तविक तरजीह दी जानी चाहिए, जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए पार्टी के लिए काम किया, न कि अपनी जान बचाने के लिए कांग्रेस से भाजपा में आए। उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए मेहनत करने वाले असली भाजपाई हैं, न कि दूसरे दलों से आकर ऊंची सीटों पर बैठे लोग।
कंगना जैसे लोगों को क्या पता, भाजपा है अनुशासनात्मक पार्टी
भाजपा सांसद कंगना रनौत के मसले पर ग्रेवाल ने पार्टी हाईकमान पर ही सवाल उठाया। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा को ऐसे लोगों को टिकट देना ही नहीं चाहिए, जिन्हें यह ही नहीं पता कि जिस पार्टी में वह काम कर रहे हैं, वह किस कद्र अनुशासनात्मक पार्टी है। बिना पार्टी की नीतियों को ध्यान में रखते हुए ऐसे लोगों की बेवजह की बयानबाजी से भाजपा को नुक्सान हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र को किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि इन किसानों के बच्चे ही बार्डर पर देश की रक्षा में लगे हुए हैं।
मेरा काम था सच्चाई से रू-ब-रू कराना, आगे हाईकमान की मर्जी
ग्रेवाल ने यह भी कहा कि भाजपा हाईकमान को सच्चाई का अहसास करना होगा और भाजपा को उन कांग्रेस नेताओं के चंगुल से बचाना होगा, जो केवल अपने भ्रष्ट कृत्यों के बदले में कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए भाजपा में शरण लिए हुए हैं। अपने ऊपर ऐसी बयानबाजी को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई होने की संभावना पर ग्रेवाल ने कहा कि सच सुनना या कार्रवाई करना हाईकमान पर निर्भर है। उन्होंने सिर्फ और सिर्फ भाजपा के उस कैडर की बात की है, जो पार्टी के लिए निष्ठा से काम करता आया है।