पंजाब में कालेज प्रोफेसरों का हल्ला बोल, पंजाब सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 01 Oct, 2024 05:08 PM

protest by government college professors in punjab

पंजाब के सरकारी कॉलेजों को लंबे समय से संभाल रहे और पंजाब के जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा दे रहे गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों ने आज अपनी नौकरी पर लटकी तलवार से बचाव के लिए और सेवानिवृत्ति की उम्र तक नौकरी को सुरक्षित करने की मांग को लेकर गेस्ट...

पंजाब डैस्क : पंजाब के सरकारी कॉलेजों को लंबे समय से संभाल रहे और पंजाब के जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा दे रहे गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों ने आज अपनी नौकरी पर लटकी तलवार से बचाव के लिए और सेवानिवृत्ति की उम्र तक नौकरी को सुरक्षित करने की मांग को लेकर गेस्ट फैकल्टी साझा फ्रंट पंजाब के बैनर तले एक दिन की सामूहिक छुट्टी लेकर सुबह 9 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक विरोध धरना दिया। फ्रंट के नेताओं ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी यह जायज मांग जल्द पूरी नहीं की तो वे संघर्ष तेज करेंगे। उन्होंने बताया कि चन्नी सरकार ने 2021 में जाते-जाते वोट बैंक बढ़ाने की लालसा में 1091 प्रोफेसर और 67 लाइब्रेरियन, कुल 1158 के रूप में कॉलेजों के लिए प्रोफेसरों की पोस्ट निकाली थी। इन पोस्टों को 45 दिनों के अंदर भरने के लिए बहुत जल्दबाजी दिखाई। संक्षेप में कहें तो यह भर्ती कई तरह के संदेह के घेरे में आने के बाद माननीय हाईकोर्ट में इसके खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गईं। इसका परिणाम यह हुआ कि माननीय हाईकोर्ट ने इस भर्ती में कई खामियों को सही ठहराते हुए इसकी अधिसूचना को रद्द कर दिया।

इसके बाद 1158 ने सरकार पर दबाव बनाकर अपना केस डबल बेंच पर लगाया। डबल बेंच में पंजाब सरकार द्वारा एलपीए दाखिल कर इस भर्ती को अंजाम तक पहुँचाया गया और कल रात बारह बजे से नए प्रोफेसरों को ज्वाइन कराया गया। गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों ने कहा कि 'हमें इन 1158 प्रोफेसरों से कोई विरोध नहीं है, कोई शिकायत नहीं है। लेकिन हमें सरकार की नीतियों से रोष है कि इतने लंबे समय से जिन शिक्षकों ने इन कॉलेजों को संभाला और कॉलेज में आए हर छात्र का जीवन संवारा, आज पंजाब सरकार नए लोगों को ज्वाइन कराके इन गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों को नौकरी से निकालने की योजना बना रही है।'

इन प्रोफेसरों में कई रिटायरमेंट के करीब पहुँच चुके हैं, अब वे कहाँ जाएँ? आज तक ये प्रोफेसर नाममात्र की तनख्वाह पर काम कर रहे हैं। जब अब इन प्रोफेसरों के सम्मानजनक वेतन पाने का समय आया था, तो अब सरकार बाहर का रास्ता दिखा रही है। गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों की अधिकांश उम्र संघर्ष करते ही बीती है। आज पंजाब के सरकारी कॉलेजों में लंबे समय से शिक्षण सेवाएँ दे रहे गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों को नजरअंदाज कर नए प्रोफेसरों की भर्ती की जा रही है। जिसके कारण गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसर अपनी नौकरी हाथ से जाते हुए महसूस कर रहे हैं। इस अहसास में उनके लिए बहुत बड़ी पीड़ा है। अब ये प्रोफेसर अपमानित हो रहे हैं।

आज बड़ी संख्या में मौजूद गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों ने कहा कि 'अगर मौजूदा पंजाब सरकार इन प्रोफेसरों की नौकरी को सुरक्षित नहीं करती और सम्मानजनक वेतन नहीं देती, तो गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसर संयुक्त फ्रंट द्वारा संघर्ष को अन्य संघर्षशील संगठनों के सहयोग से बड़े स्तर पर किया जाएगा। अगर जान की बाज़ी लगानी पड़ी, तो उसके लिए भी तैयार हैं। अगर किसी गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसर का जान-माल का नुकसान होता है, तो इसकी ज़िम्मेदार सीधे तौर पर पंजाब सरकार होगी।'

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