Edited By Kalash,Updated: 09 Jun, 2025 12:23 PM

प्राइवेट बस संचालकों के कारिंदे सरकार द्वारा यात्रियों के सफर को सुखद बनाने के लिए प्रदान की गई सुविधाओं में बाधा डाल रहे हैं।
लुधियाना (सुशील): प्राइवेट बस संचालकों के कारिंदे सरकार द्वारा यात्रियों के सफर को सुखद बनाने के लिए प्रदान की गई सुविधाओं में बाधा डाल रहे हैं। ये कारिंदे बस स्टैंड परिसर के बाहर अड्डा जमाए खड़े रहते हैं और आने-जाने वाले यात्रियों को परेशान कर अपनी प्राइवेट बसों में चढ़ने के लिए मजबूर करते हैं।
वे यात्रियों को सरकारी बसों की खस्ता हालत को बयान करते हुए उन्हें सरकारी बसों से दूर कर प्राइवेट बसों में चलने के लिए मजबूर करते हैं। सरकारी बसों का देरी से आना और लोगों को घंटों बैठकर इंतजार करना भी इन लोगों को बढ़ावा देता है कि वे सरकारी बसों को छोड़ प्राइवेट बसों की ओर रुख करें। सरकारी बसें खस्ता हालत में होने के कारण सारा मुनाफा प्राइवेट बसों की ओर बढ़ता चला जा रहा है जिसका सीधा नुकसान सरकार को पड़ रहा है।
सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं से खिलवाड़ कर अपनी जेब भरते हैं प्राइवेट बस चालक
ये कारिंदे हर प्राइवेट बस संचालकों ने खास तौर पर लोगों को प्रभावित करने के लिए नियुक्त किए हुए हैं। वे मनचाहे दाम पर टिकटों को बेचते हैं और सारा मुनाफ़ा सरकार के मुंह से छीनकर अपनी जेबों में भरते हैं। प्रशासन इस ओर से जान-बूझकर आंख मूंदकर बैठा है।
क्यों नहीं उठाती सरकार कोई सख़्त कदम?
प्राइवेट बसों का बस स्टैंड परिसर के बाहर खड़े होने का सबसे बड़ा कारण है कि वे लोग यात्रियों को बाहर ही घेर लेते हैं और अंदर जाने नहीं देते। यदि यात्रियों को बाहर खड़ी बस नजर नहीं आएगी तो वे न चाहते हुए भी बस स्टैंड परिसर के अंदर जाकर सरकारी बस में सफ़र करेंगे। इसके चलते सरकार को इन प्राइवेट बसों को वहां से हटाने के लिए पुख़्ता कदम उठाने चाहिए।
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