Edited By Vatika,Updated: 20 Jun, 2020 10:18 AM

पंजाब कांग्रेस ने अपनी प्रदेश इकाई में ऐतिहासिक बदलाव करने की तैयारी कर ली है। करीब डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव से गुजरने वाली
चंडीगढ़(हरिश्चंद्र): पंजाब कांग्रेस ने अपनी प्रदेश इकाई में ऐतिहासिक बदलाव करने की तैयारी कर ली है। करीब डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव से गुजरने वाली पंजाब कांग्रेस ने इस बार इतनी छोटी प्रदेश इकाई बनाई है कि कई लोगों को बाहर का रास्ता देखना पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार इस बार सिर्फ काम करने वाले कार्यकत्र्ताओं को ही प्रदेश इकाई में स्थान दिया गया है जिसके चलते काफी छोटा किया गया है।
यहां प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आशा कुमारी, मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ की बैठक में प्रदेश उपाध्यक्षों और महासचिवों के अलावा जिला कांग्रेस प्रधानों के नाम पर मोहर लगाई गई। सूत्रों के अनुसार बैठक में चयनित नामों की सूची प्रभारी आशा कुमारी को सौंप दी गई है। वह यह सूची लेकर दिल्ली जाएंगी जिस पर इसी माह दौरान मोहर लगने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार महज 200 से कम पदाधिकारियों की टीम बनाए जाने की सूची तैयार की गई है, जिसमें प्रदेश उपाध्यक्ष व महासचिव शामिल हैं। गौरतलब है कि इससे पहले प्रदेश इकाई में लगभग 3000 पदाधिकारी थे, जिनमें डेढ़ हजार के आसपास सचिव थे। पार्टी ने इस बार सिफारिश की बजाय सिर्फ काम करने वाले कार्यकत्र्ताओं को ही तवज्जों दी है। बैठक में प्रदेश की इकाई को लेकर 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो गया है। संगठन में विधायकों, सांसदों और बोर्ड व निगमों के चेयरमैनों को दरकिनार करने के बाद बाकी नेताओं को एडजस्ट करने का प्रयास किया गया है।
माझा और मालवा में एक-एक जिला प्रधान को लेकर पेंच फंसा
सूत्रों की मानें तो जिला प्रधानों की सूची को भी मंजूरी तो प्रदान की गई है मगर माझा और मालवा में एक-एक जिला प्रधान को लेकर पेंच फंसा हुआ है। इसका जिम्मा हाईकमान पर छोड़ दिया गया है जो इन जिला प्रधानों का फैसला करेगा।