प्रशांत किशोर की रिपोर्ट व रणनीति के मुताबिक सिद्धू को बनाया प्रधान

Edited By Vatika,Updated: 22 Jul, 2021 10:44 AM

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प. बंगाल में ममता बनर्जी को जीत दिलवाने और कांग्रेस पार्टी के पुराने/युवा नेताओं को सियासी भविष्य के चांद-सितारे दिखाने वाले सियासत

अमृतसर(दीपक): प. बंगाल में ममता बनर्जी को जीत दिलवाने और कांग्रेस पार्टी के पुराने/युवा नेताओं को सियासी भविष्य के चांद-सितारे दिखाने वाले सियासत के माहिर प्रशांत किशोर का हर दाव कभी खाली न जाने के कारण अक्सर कांग्रेस पार्टी उनके सर्वे पर भरोसा कर पार्टी के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रशांत किशोर को ही अपना सियासी गुरु मानती है, जिसका परिणाम कांग्रेेस पार्टी के लिए हमेशा ऑक्सीजन का काम करता रहा है। 

कांग्र्रेस पार्टी की हाईकमान के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि राहुल गांधी, प्रियंका और पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने पहली बार साहस दिखाते हुए नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस पार्टी का जो अध्यक्ष नियुक्त किया है, उसके पीछे प्रशांत किशोर के पिछले 6 माह से गुप्त तौर से किए गए पंजाब कांग्रेस पार्टी के सर्वे का असली परिणाम/राज है। साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल की पोल खोलने वाले प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस पार्टी यदि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की रहनुमाई में पंजाब का चुनाव लड़ती है तो आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल को अधिक सीटें आ सकती हैं। यदि नवजोत सिंह सिद्धू आम आदमी पार्टी में जाकर मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित होते हैं तो आम आदमी पार्टी का पलड़ा सबसे भारी रहेगा।

तथ्यों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने पंजाब के 9 कांग्रेस सांसदों के साथ मीटिंग करने से पहले प्रशांत किशोर की रिपोर्ट को लागू कर रातों-रात नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रे्रस पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया और कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को दर-किनार करने में देरी नहीं की। हालात से साफ जाहिर होता है कि बदलते हुए हाईकमान के तेवरों पर मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा इस्तीफा देने की धमकी का कोई प्रभाव पडऩे वाला नहीं है। यह भी जानकारी मिली है कि जो कैबिनेट मंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के हर प्रकार से सेवादार रहकर अमृतसर के अलावा दुबई, मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों में करोड़ों की जमीनों की खरीदारी अपनी लूट की कमाई से करते रहे हैं अब हाईकमान को उनकी पूरी जानकारी भी है। जरा-सी भी हरकत इन नेताओं ने कैप्टन की वफादारी को तसदीक करके की तो परिणाम स्वरूप हाईकमान की तरफ से उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई किए जाने में अब देरी नहीं लगेगी। कैप्टन विरोधी रुख की पहचान करने वाले कई मंत्री, विधायक अब सिद्धू की शरण में जाने में देरी नहीं करेंगे। अब देखना होगा कि 2022 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू 18 सूत्रीय कार्यक्रम को लागू कर शिअद और कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को चुनावी पाठ कैसे पढ़ाते हैं।

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