Edited By Subhash Kapoor,Updated: 21 Jan, 2025 08:47 PM
4 जनवरी को टोहाना रैली में जाते समय बस हादसे में शहीद हुए कोठागुरु के पांच किसानों के परिवारों को दस-दस लाख रुपये मुआवजा, नौकरी देने और कर्ज माफ करने के अलावा घायलों को उचित मुआवजा देने जैसी मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहा) द्वारा...
बठिंडा (विजय वर्मा) : 4 जनवरी को टोहाना रैली में जाते समय बस हादसे में शहीद हुए कोठागुरु के पांच किसानों के परिवारों को दस-दस लाख रुपये मुआवजा, नौकरी देने और कर्ज माफ करने के अलावा घायलों को उचित मुआवजा देने जैसी मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहा) द्वारा डीसी दफ्तर बठिंडा के सामने कल से शुरू किया गया पक्का मोर्चा आज दूसरे दिन भी जारी रहा। भले ही आज फिर प्रशासन द्वारा किसान नेताओं के साथ लंबी बैठक की गई, लेकिन बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।
किसान-मजदूर नेताओं ने सभी मृतकों के वारिसों को 10 लाख रुपये मुआवजा समेत सभी मांगों को पूरा करने की मांग की। प्रशासन और संगठनों के बीच समझौता न हो पाने के कारण मृतकों में शामिल जिला बठिंडा के मीट प्रधान बसंत सिंह कोठागुरु और करम सिंह का अंतिम संस्कार आज भी नहीं हो सका।
प्रशासन के साथ बातचीत में शामिल बीकेयू (एकता उगराहा) के जिला प्रधान शिंगारा सिंह मान, जगदेव सिंह जोगेवाला और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के राज्य महासचिव लछमन सिंह सेवेवाला ने कहा कि बदलाव का झांसा देकर सत्ता में आई भगवंत मान सरकार लोगों से बदला ले रही है। उन्होंने कहा कि खुद को किसान बताने वाले कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने इस दर्दनाक घटना पर आंखें बंद कर ली हैं, जिससे उनका किसान-विरोधी चेहरा और बेनकाब हो गया है। आज मृतक किसान नेता बसंत सिंह कोठागुरु और करम सिंह के परिवारों ने धरने में पहुंचकर यह ऐलान किया कि जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिलेगा, तब तक वे शवों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।