अब पंजाब वासियों को जल्द मिल सकती है आवारा पशुओं से निजात

Edited By Vaneet,Updated: 05 Aug, 2020 05:10 PM

now the people of punjab can get rid of stray animals soon

पंजाब भर में सड़कों, गली मोहल्लों मेें घूम रहे आवारा पशुओं से हर पंजाब निवासी परेशान हैं। ...

लुधियाना(सलूजा): पंजाब भर में सड़कों, गली मोहल्लों मेें घूम रहे आवारा पशुओं से हर पंजाब निवासी परेशान हैं। इनकी वजह से हर रोज ही सड़क हादसे घट रहे हैं और आज तक कई मौतें हो चुकी हैं और कई लोग अपंग होकर रह गए है। आवारा पशुओं को नुकेल डालने की मांग को लेकर किसान संगठन कई बार पशुओं को जिला प्रशासन के ऑफिस कैंपस में छोड़ कर रोष जता चुके हैं।

आवारा पशुओं की संभाल को लेकर इस समय पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में बहुत सी गऊ शालाएं काम भी कर रही है। लेकिन इसके बावजूद आवारा पशुओं की संख्यां बढ़ती जा रही है। जिससे सड़क व गली को आम व्यक्ति को पार करना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब जल्द ही इससे निजात मिलने वाली है। लुधियाना की गुरू अंगद देव वेटरनरी व एनिमल सांइसेज यूनिवर्सिटी (गडवासू) यूनिवर्सिटी आने वाले दिनों में आवारा पशुओं की किस तरह बेहतर संभाल व इनका रिसर्च के क्षेत्र में किस तरह हो सकता है बेहतर इस्तेमाल संबधी एक प्रोजैक्ट पर काम कर रही है। 

आवारा पशुओं से करेंगे अच्छी किस्म की नस्लें तैयार
 गुरू अंगद देव वेटरनरी व एनिमल सांइसेज यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डा इंद्रजीत सिंह ने विशेष बातचीत में बताया कि आवरा पशुओं की समस्या एक गंभीर विषय है। इस पर लगातार स्टडी जारी है। यूनिवर्सिटी कैंपस में गऊशाला के रूप में एक ऐसा खोज सैंटर बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें सैरोगेट टेक्नोलॉजी को अपना कर इन आवारा पशुओं से अच्छी नस्लें पैदा करके पशुधन में बढ़ौतरी करेंगे। इससे यकीनन तौर पर दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि इस यूनिवर्सिटी में पशुओं को इलाज की सुविधा तो पहले ही अंर्तराष्टीय स्तर की प्रदान की जा रही है। 

यूनिवर्सिटी चलाएगी विशेष मुहिम
गडवासू यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से किसानों व दूध उत्पादकों के साथ गऊशालाओं के पं्रबधको को आवारा पशुओं की बेहतर संभाल संबधी जागरूक किया जाएगा। इसी के साथ ही इनसे इस बात के लिए भी तालमेल किया जाएगा। वह यूनिवर्सिटी को खोज हेतु पशु दें ताकि उनपर खोज 
करने के साथ ही उनकी अच्छी तरह संभाल हो सके। यूनिवर्सिटी के उप कुलपति ने बताया कि आवारा पशुओं पर यूनिवर्सिटी का सैरोगेट का तर्जबा सफल रहा है। अच्छी नस्ल के पशु प्राप्त किए जा चुके है और किए जा रहे हैं।

तूड़ी व पराली का कैसे करे बेहतर इस्तेमाल 
आवारा पशुओं पर खोज संबधी बनने वाले खोज सैंटर में पशु पालकों को इस बात की भी ट्रेनिंग दी जाएगी कि वह किस तरह तूड़ी व पराली का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे उनको आर्थिक तौर पर भी लाभ मिलेगा। पशुओं को कैसे रखे तंदरूस्त व दूध का उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस संबधी भी वर्कशॉप का आयोजन करके ट्रेनिंग देंगे। आवारा पशुओं की इस ढंग से संभाल करके पंजाब भर के लोगों को होने वाली परेशानी से निजात तो मिलेगी ही बल्कि इसी के साथ ही सुरक्षित जीवन भी मिलेगा। 

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