Edited By Tania pathak,Updated: 26 Oct, 2020 02:15 PM

इसकी प्रशिक्षण लेकर गांव में महिलाऐं इसका प्रयोग करेंगी तो उनकी न सिर्फ़ आमदन में विस्तार होगा, बल्कि पराली का भी प्रबंध हो सकेगा...
लुधियाना (नरिन्दर): पंजाब में लंबे समय से पराली राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। राज्य के किसान गेहूँ बीजने से पहले फ़सल की अवशेष को खेतों में ही नष्ट करने के लिए उसे आग लगा देते हैं, जिसके साथ न सिर्फ़ जमीन का नुक्सान होता है, बल्कि मित्र कीड़े भी ख़त्म हो जाते हैं और प्रदूषण अलग फैलता है परन्तु अब पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के पारिवारिक स्रोत प्रबंध विभाग की तरफ से पराली के प्रबंध के लिए ऐसी अनोखी पहल की गई है, जिसके साथ जहाँ इससे घरेलू समान बनाया जा सकेगा, वही पराली के साथ महिलाऐं घर बैठे ही कमाई भी कर सकेंगी।
परिवारक स्रोत विभाग की सीनियर प्रो. नरिन्दरजीत कौर ने बताया कि पराली के साथ घर में इस्तेमाल होने वाला समान बनाया जा सकता है। इस कला के द्वारा पराली को कई रूपों में बदला जा सकता है।

उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से फ़िलहाल इसके कुछ नमूने बना कर प्रयोग की जा रही है परन्तु यह एक जागरूकता है और यदि इसकी प्रशिक्षण लेकर गांव में महिलाऐं इसका प्रयोग करेंगी तो उनकी न सिर्फ़ आमदन में विस्तार होगा, बल्कि पराली का भी प्रबंध हो सकेगा।

उन्होंने बताया कि बड़ी कंपनियां भी पराली से कई तरह का समान बना सकतीं हैं और इस संबंधी यूनिवर्सिटी की तरफ से प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस के साथ ही विभाग की डा. शरनबीर कौर ने बताया कि कैसे इस तकनीक का प्रयोग कर ,महिलाऐं आत्मनिर्भर बन सकतीं हैं और पराली को आग लगाने से जो नुक्सान होता है, उससे भी बचा जा सकेगा।