Punjab : दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के बाद अब ये Projects हुए शुरू

Edited By Kalash,Updated: 31 Aug, 2024 05:55 PM

nhai projects in punjab

दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के बाद राज्य में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की अन्य रुकी हुई परियोजनाएं भी शुरू हो गई हैं।

पंजाब डेस्क : दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के बाद राज्य में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की अन्य रुकी हुई परियोजनाएं भी शुरू हो गई हैं। लुधियाना-रोपड़ और लुधियाना-बठिंडा राजमार्गों को निर्माण कार्य फिर से शुरू करने के लिए बची हुई एक्वायर की गई जमीन के टुकड़े मिल गए हैं। यह विकास महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह पंजाब में तीन ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में से 2 थी। इनकी कुल लागत 3,264 करोड़ रुपये और लंबाई 104 किलोमीटर थी। यह एन.एच.ए.आई. की ओर से निर्धारित समय सीमा के भीतर शर्तों के अनुसार जमीन की उपलब्धता न होने के कारण बंद/वापस कर ली गई थी।   

इसे लेकर मुख्य सचिव अनुराग वर्मा द्वारा हर शुक्रवार को डिप्टी कमिश्नरों के साथ मैराथन मीटिंग कर और पिछले तीन महीनों से भूमि एक्वायर का विरोध कर रहे किसानों के साथ बैठक करके एन.एच.ए.आई. के मुद्दों की साप्ताहिक समीक्षा शुरू करने के बाद रुकी हुई राजमार्ग परियोजनाएं पटरी पर वापस आ गईं।

इस संबंध में लुधियाना और बरनाला के डीसी ने तेजी से कार्रवाई करते हुए  दो ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को पुनर्जीवित करने के लिए अधिग्रहित भूमि को एन.एच.ए.आई. को देने की व्यवस्था की। लुधियाना की डीसी साक्षी साहनी ने मुख्य सचिव को लिखे एक पत्र में बताया कि किसान लुधियाना-रोपड़ राजमार्ग के लिए एक्वायर जमीन को खाली करने के लिए सहमत हो गए हैं। इसके बाद एन.एच.ए.आई. ने निर्माण कार्य फिर से शुरू कर दिया है।   

डी.सी. साहनी ने कहा कि आर्बिट्रेशन मामलों पर किसानों की नाराजगी के कारण निर्माण रोक दिया गया था और जिला प्रशासन ने किसानों और आर्बिट्रेटर के साथ बातचीत के बाद दिसंबर 2023 में आर्बिट्रेटर पुरस्कार की घोषणा की थी। एन.एच.ए.आई. ने जुलाई 2024 में पुरस्कार को मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि पुरस्कारों की मंजूरी के बाद, आम तौर पर किसानों ने परियोजना को जारी रखने की मंजूरी दी है और परिणामस्वरूप वलीपुर और गोरसियां हाकमाई गांवों में 5 किमी का काम फिर से शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि एन.एच.ए.आई. को कहा गया थी कि अगर  इस प्रोजेक्ट पर काम फिर से शुरू करने पर कोई भी समस्या आती है तो जिला प्रशासन द्वारा एनएचएआई के साथ मिल उसे निपटाया जाएगा।  उन्होंने एन.एच.ए.आई. को 30 किलोमीटर के हिस्से पर काम फिर से शुरू करने का निर्देश देने की मांग की, क्योंकि शेष 7.7 किलोमीटर का कब्जा 30 सितंबर तक सौंप दिया जाएगा।

इसी तरह बरनाला की डी.सी. पुनमदीप कौर ने बताया कि सी.एस.एस. के निर्देशों के अनुसार जिला प्रशासन ने लुधियाना-बठिंडा राजमार्ग पैकेज -2 के बाकी बचे  6.2 किमी पार्सल में 1 किमी पर कब्जा कर लिया है जबकि ठेकेदार और एन.एच.ए.आई. के प्रतिनिधि उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 16 अगस्त के बाद बाकी जमीन भी उन्हें सौंप दी जाएगी। उन्होंने कहा, "22 अगस्त को एनएचएआई के परियोजना निदेशक नवरतन के साथ बैठक हुई थी, जिसमें बताया गया कि ठेकेदार बुनियादी ढांचे के साथ 23 अगस्त को बरनाला पहुंच जाएगा। हालांकि, इस मामले में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है।" पूनमदीप ने एनएचएआई परियोजना निदेशक से व्यक्तिगत रूप से मामले को देखने का आग्रह किया ताकि भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके और उच्च अधिकारियों को प्रगति की रिपोर्ट दी जा सके।

उन्होंने कहा कि 22 अगस्त को एन.एच.ए.आई. के प्रोजेक्ट डायरेक्टर नवरतन के साथ बैठक हुई थी, जिसमें उन्हें बताया गया था कि ठेकेदार इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ 23 अगस्त को बरनाला पहुंच जाएगा। डी.सी. पुनमदीप ने एन.एच.ए.आई. के परियोजना निदेशक से व्यक्तिगत रूप से मामले की जांच करने की अपील की ताकि जमीन एक्वायक की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके और उच्च अधिकारियों को प्रगति के बारे में सूचित किया जा सके।


 

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