पंजाब भर में लागू होगा नया सिस्टम, Face Scan से होगी मरीजों की पहचान

Edited By Kamini,Updated: 01 Aug, 2025 02:09 PM

new will be implemented across punjab

इस फेस स्कैन तकनीक को केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है और इसका ट्रायल चरण पहले ही शुरू हो चुका है। अब इसे अगस्त माह में राज्य स्तर पर लागू किया जा रहा है।

पंजाब डेस्क : पंजाब सरकार ने राज्य में नशा मुक्ति अभियान को तकनीकी रूप से और सुदृढ़ बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य के सभी ओट (आउटडोर ओपियड असिस्टेड ट्रीटमेंट) सेंटरों और नशामुक्ति केंद्रों में रजिस्टर्ड मरीजों की ट्रैकिंग फेस स्कैन तकनीक के जरिए की जाएगी। यह सुविधा अगस्त के पहले सप्ताह से पूरे राज्य में लागू कर दी जाएगी। फिलहाल राज्य में 548 ओट सेंटर और 55 नशा मुक्ति केंद्र कार्यरत हैं, जहां हजारों मरीज रजिस्टर्ड हैं। अब इन सभी मरीजों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए 'अटेंडेंस पेशेंट फेस डिटेक्शन टेस्ट' नामक अत्याधुनिक प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। इस फेस स्कैन तकनीक को केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है और इसका ट्रायल चरण पहले ही शुरू हो चुका है। अब इसे अगस्त माह में राज्य स्तर पर लागू किया जा रहा है। 

कैसे काम करेगी यह तकनीक?

मरीज ओट सेंटर के 3 मीटर के दायरे में आते ही अपने मोबाइल फोन से अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। इस फेस डिटेक्शन सिस्टम से न सिर्फ मरीज की पहचान की पुष्टि होगी, बल्कि उसके पहुंचते ही दवा वितरण की प्रक्रिया भी तैयार मिलेगी। इससे न तो दवा स्टॉक पर असर पड़ेगा और न ही कोई अनधिकृत व्यक्ति दवा प्राप्त कर सकेगा।

सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि कुछ जिलों में फर्जी आधार कार्ड के जरिए दवा लेने और उसे कालाबाजारी में बेचने की शिकायतें सामने आई थीं। अब इस नई प्रणाली से ऐसी गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण हो सकेगा। वहीं ऑनलाइन  रिकार्ड की कमी भी एक बड़ी चुनौती है। पंजाब सरकार के इस कदम से कई समस्याओं का हल होगा, जैसे की बॉयोमैट्रिक, फिंगरप्रिंट और आधार अपडेट शामिल हैं। कई बार तो मरीजों की एंट्री नहीं हो पाती थी। क्योंकि मजदूरों मरीजों के फिंगरप्रिंट स्कैनर पर शो नहीं होते थे और कई बार उनका आधार कार्ड अपडेट नहीं होता था। इस कारण सेहत विभाग के पोर्टल www.psuds.punjab.gov.in पर इन मरिजों को रजिस्टर्ड करना मुश्किल हो जाता था।

एक क्लिक पर मिलेगी सारी जानकारी : 

जानकारी के मुताबिक, नई तकनीक से काफी फायदा मिलेगाा और एक क्लिक पर सारी जानकारी मिल जाएगी। पंजाब का कौन सा गांव नशा मुक्त है और किस गांव व इलाके में कितने मरीज हैं। कितने मरीज नशा छोड़ चुके हैं, कितनों का इलाज चल रहा है ये पूरी जानकारी इस वेबसाइट पर एक ही क्लिक पर मिल जाएगी। 

हर मरीज को होगा अपना ID Code:

नशा मुक्ति केंद्रों में हर मरीज की रजिस्ट्रेशन बायोमेट्रिक से जुड़ी है। नई तकनीक के चलते अब हर मरीज के रजिस्टर्ड मोबाइल पर उसकी एक आईडी कोड बनेगा। यह कोड नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर (NIC) द्वारा बनाया जा रहा है जोकि ऑनलाइन पोर्टल से जुड़ेगा। जब भी कोई मरीज सेंटर से दवा लेने आएगा, उसके मोबाइल पर फेस स्कैन होते ही उसका आधार का पूरा रिकॉर्ड खुल जाएगा। इस दौरान मरीज की सही पहचान होते ही प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। उसके बाद पोर्टल पर उसकी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज हो जाएगी। सबसे बड़ी बात ये है इस रिकॉर्ड को सेंटर स्टाफ और हेड ऑफिस का स्टाफ भी देख सकेगा।

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