Edited By Vatika,Updated: 18 Dec, 2025 02:40 PM

पंजाब में पड़ोसी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक फर्जी रोजगार कार्ड रद्द किए
चंडीगढ़: पंजाब में पड़ोसी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक फर्जी रोजगार कार्ड रद्द किए गए हैं। जब केंद्र सरकार अब इस योजना में सुधार की तैयारी कर रही है, उसी दौरान ये आंकड़े सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत फर्जी या नकली रोजगार कार्डों की पहचान कर उन्हें रद्द करने में पंजाब सबसे आगे है।
आंकड़ों के अनुसार हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब इन तीनों राज्यों में रद्द किए गए कुल रोजगार कार्डों में से करीब 82 फीसदी कार्ड अकेले पंजाब में रद्द किए गए हैं। लोकसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक पंजाब ने 2019-20 से 2024-25 के दौरान कुल 5,27,728 रोजगार कार्ड रद्द किए। इसके मुकाबले हिमाचल प्रदेश ने 60,629 और हरियाणा ने 55,126 रोजगार कार्ड रद्द किए। तीनों राज्यों में कुल मिलाकर 6,43,483 रोजगार कार्ड रद्द हुए, जिनमें पंजाब का योगदान सबसे अधिक है।
इन पांच वर्षों के दौरान पंजाब ने 9,22,378 मजदूरों को रोजगार कार्ड से हटाया, जबकि हिमाचल प्रदेश में यह संख्या 2,54,325 और हरियाणा में 98,719 रही। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का कहना है कि रोजगार कार्डों को अपडेट करना और रद्द करना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की जाने वाली नियमित प्रक्रिया है। रोजगार कार्ड मुख्य रूप से फर्जी, डुप्लीकेट या गलत प्रविष्टियों, परिवारों के स्थायी रूप से ग्राम पंचायत क्षेत्र से बाहर चले जाने, ग्राम पंचायत के शहरी क्षेत्र में पुनर्वर्गीकरण होने या रोजगार कार्ड में दर्ज एकमात्र सदस्य की मृत्यु जैसे कारणों से रद्द किए जाते हैं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रोजगार कार्ड रद्द करते समय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मंत्रालय द्वारा जारी प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है, ताकि किसी भी पात्र परिवार का रोजगार कार्ड गलती से रद्द न हो।