Edited By Vatika,Updated: 05 Sep, 2025 12:32 PM

पहाड़ी इलाकों और पंजाब में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण
पंजाब डेस्कः पहाड़ी इलाकों और पंजाब में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण सतलुज नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे जालंधर में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इस संबंध में जालंधर जिला प्रशासन के अधिकारी अलर्ट पर हैं और सतलुज नदी पर प्रशासनिक टीमें तैनात कर दी गई हैं। इससे फिल्लौर, शाहकोट और लोहियां में बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जालंधर के 64 गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जिसके चलते पूरे जिले को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
10 गांव अलर्ट पर, ऊंची जगहों पर जाने की चेतावनी
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून अभी पूरी तरह कमजोर नहीं हुआ है। पहाड़ी इलाकों में बादल फटने और भारी बारिश की घटनाएं सितंबर के दूसरे हफ्ते तक जारी रह सकती हैं, जिसका सीधा असर सतलुज नदी के जलस्तर पर पड़ेगा। प्रशासन ने नदी किनारे बसे लगभग 10 गांवों को अलर्ट पर रखा है और लोगों को लगातार चेतावनी दी जा रही है कि वे नदी के पास न जाएं और ऊंची जगहों पर शरण लें। हालांकि, फिलहाल शहर में बारिश की कोई चेतावनी नहीं है।
नदी किनारे के गांवों की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक
नदी किनारे बसे गांवों की स्थिति फिलहाल सबसे अधिक चिंताजनक है। सोंगवाला और धुसी बांध के पास पानी का बहाव इतना तेज है कि स्थानीय प्रशासन और ग्रामीण मिलकर बांध को सुरक्षित रखने में जुटे हुए हैं। यदि पहाड़ों में बारिश जारी रहती है तो सतलुज का जलस्तर और बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर कहा है कि पंजाब के मैदानी इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जिससे निचले इलाकों में पानी भरने का खतरा और बढ़ सकता है।
ससराली डैम ने बढ़ाई जालंधर-लुधियाना प्रशासन की चिंता
जालंधर और लुधियाना में सतलुज नदी से सटा ससराली डैम प्रशासन के लिए बड़ी चिंता का कारण बन गया है। गुरुवार को सतलुज के तेज बहाव के कारण ससराली कॉलोनी के पास बांध का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। जैसे ही बांध के कमजोर होने की सूचना मिली, कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मोंडिया मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।