पंजाब सरकार को बड़ा झटका, हवारा मामले में अदालत ने खारिज की ये अपील

Edited By Vatika,Updated: 06 Apr, 2021 11:16 AM

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ए.के. 56 हथियार बरामदगी मामले में आतंकी जगतार सिंह हवारा को तत्कालीन चीफ ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट एस.के. गोयल की

लुधियाना(मेहरा): ए.के. 56 हथियार बरामदगी मामले में आतंकी जगतार सिंह हवारा को तत्कालीन चीफ ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट एस.के. गोयल की अदालत के बरी करने के फैसले के विरुद्ध पंजाब सरकार की ओर से दायर की गई अपील को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीष अरोड़ा की अदालत ने खारिज कर दिया है।

निचली अदालत द्वारा हवारा को बरी किए जाने के फैसले को सही ठहराया जाने पर जहां हवारा को भारी राहत मिली है, वहीं इस फैसले से पंजाब सरकार को करारा झटका लगा है। उल्लेखनीय है कि पहले जज वरिंदर कुमार ने गत 9 अप्रैल 2018 को ए.के. 56 हथियार बरामदगी मामले की सुनवाई करते हुए अभियोजन पक्ष की दलीलों व बहस सुनने के बाद हवारा को दोषी करार देते हुए हवारा की सजा तय करने के लिए मामले को सी.जे.एम. के पास भेज दिया था लेकिन तत्कालीन सी.जे.एम. ने हवारा को बरी कर दिया था। हवारा की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के जरिए की गई थी।

उल्लेखनीय है कि पुलिस थाना कोतवाली द्वारा 30 दिसम्बर, 1995 को स्थानीय घंटाघर के निकट एक.के. 56 के बरामदगी मामले में हवारा को नामजद किया गया था। पुलिस ने दावा किया था कि हवारा ने एक अन्य मामले की जांच के दौरान एक ए.के. 56 होने का गुनाह कबूला था। इसके अलावा पुलिस द्वारा हवारा को ही 6 दिसम्बर, 1995 में घंटाघर चौक में हुए बम विस्फोट में नामजद किया गया था। चीफ ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट एस.के. गोयल ने इस मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद हवारा को सबूतों के अभाव में बरी करने का निर्णय सुनाते हुए कहा था की अभियोजन पक्ष हवारा से ए.के. 56 हथियार बरामदगी साबित करने में असफल रहा। हवारा को बरी किए जाने के फैसले के विरोध में पंजाब सरकार की ओर से लुधियाना की सैशन कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी, जिसका फैसला आज अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीष अरोड़ा ने सुनाते हुए पंजाब सरकार की अपील को खारिज कर दिया और हवारा को बरी किए जाने के फसले को सही ठहराया है।

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