Edited By Subhash Kapoor,Updated: 11 Oct, 2024 09:44 PM
रंगाई उद्योग के पानी को नगर निगम की सीवर लाइनों में डंप करने पर सख्त रुख अपनाते हुए नगर निगम आयुक्त आदित्य डेचलवाल ने शुक्रवार को नगर निगम ज़ोन डी कार्यालय में रंगाई/डाइंग उद्योग इकाइयों के मालिकों की निजी सुनवाई की।
लुधियाना : रंगाई उद्योग के पानी को नगर निगम की सीवर लाइनों में डंप करने पर सख्त रुख अपनाते हुए नगर निगम आयुक्त आदित्य डेचलवाल ने शुक्रवार को नगर निगम ज़ोन डी कार्यालय में रंगाई/डाइंग उद्योग इकाइयों के मालिकों की निजी सुनवाई की।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पी.पी.सी.बी) द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, रंगाई उद्योग के मालिकों को औद्योगिक पानी नगर निगम की सीवर लाइनों में डंप करने से रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए गए हैं, अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पी.पी.सी.बी. के निर्देशों के अनुसार, कोई भी रंगाई उद्योग का पानी, चाहे वह उपचारित हो या न हो, नगर निगम की सीवर लाइनों में डंप नहीं किया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और एन.जी.टी के निर्देशों के अनुसार 'प्रदूषक भुगतान सिद्धांत' नियम रंगाई उद्योग पर लागू होता है और उन्हें अपने औद्योगिक पानी का उपचार करने का प्रबंध स्वयं करना होगा।
रंगाई उद्योग के मालिकों को निर्देश दिया गया है कि वे ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेड.एल.डी) तकनीक अपनाएं या उनकी रंगाई इकाइयों के औद्योगिक पानी के लिए एक सामान्य अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र (सी.ई.टी.पी) स्थापित करें। बैठक में मुख्य अभियंता (सी.ई.) रविंदर गर्ग समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। इस बैठक में औद्योगिक क्षेत्र-ए में लगभग सभी रंगाई इकाइयों और बिखरी हुई रंगाई इकाइयों के प्रतिनिधि मौजूद थे। अधिकारियों द्वारा रंगाई उद्योग की चिंताओं पर भी चर्चा की गई और विभिन्न समाधान सुझाए गए।