Edited By Vatika,Updated: 08 Jan, 2025 11:53 AM
अत्यधिक ठंड में पशुओं की त्वचा पर चकत्ते भी पड़ सकते हैं,
पंजाब डेस्कः कड़ाके की ठंड के दौरान पशुधन निमोनिया जैसी बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं और दूध बढ़ने की बजाय कम होने लग सकता है।
इस संबंध में एडवाइजरी जारी करते हुए डॉ. अजय सिंह सहायक प्रोफेसर (पशु विज्ञान) कृषि विज्ञान केंद्र, मानसा ने बताया कि पशुओं को सर्दियों में अपने शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो उन्हें भोजन से मिलती है। अतः सर्दियों में भरपूर हरी सब्जियां डालने के साथ-साथ अधिक चारा/वितरण या भोजन मिलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 5 किलो दूध देने वाली भैंस और 7 किलो दूध देने वाली गाय को 40 किलो हरा चारा, 3 किलो सूखा चारा (भूसा आदि), 2 किलो फीड देना चाहिए। इसी तरह ज्यादा दूध देने वाली गाय, भैंस को 40 से 50 किलो हरा चारा, 2-3 किलो सूखा चारा और हर अढ़ाई किलो दूध पीछे गाय में एक किलो खुराक और भैंस में हर 2 किलो दूध के पीछे एक किलो फीड अधिक देना चाहिए, साथ ही 70 से 100 ग्राम तक चूरा देना चाहिए।
पशुओं को सुबह जल्दी या देर शाम को बाहर न निकालें, अन्यथा ठंड के प्रभाव से दूध कम हो जाएगा और पशु निमोनिया जैसी बीमारियों से भी पीड़ित हो सकते हैं। अत्यधिक ठंड में पशुओं की त्वचा पर चकत्ते भी पड़ सकते हैं, पशुओं को ताजा पानी पीने के लिए दें, पानी न ज्यादा ठंडा और न ज्यादा गर्म होना चाहिए। 4 दिन से 3 महीने की उम्र तक बछड़े को स्टार्टर फीड खिलाएं, जिसमें 23-25 प्रतिशत प्रोटीन होना चाहिए। बछड़े/बछिया को साफ सूखी जगह पर रखें, पशुओं को रात में घर के अंदर रखें तथा दिन में धूप धूप में बांधें।