Edited By Vatika,Updated: 02 Jan, 2025 11:21 AM
यह मानव शरीर के तापमान को कम करती है और हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ाती है।
फाजिल्का : पिछले कुछ दिनों से लगातार पड़ रही सर्दी से लोगों का सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है, जिसके चलते क्षेत्र में शीतलहर ने और अधिक जोर पकड़ लिया है। जिला स्वास्थ्य विभाग फाजिल्का ने शीतलहर से बचाव के संबंध में जिला निवासियों के लिए सुझाव दिए हैं।
डॉ. कविता सिंह एवं डॉ. एरिक ने कहा कि शुष्क सर्दी के मौसम में बच्चे, बुजुर्ग और युवा खांसी, सर्दी, गले में खराश और बुखार से पीड़ित हो रहे हैं। ऐसे मौसम में बुजुर्गों और बच्चों के लिए लंबे समय तक ठंड में रहना गंभीर चिकित्सीय स्थितियों का कारण बन सकता है। इसलिए बुजुर्गों, बच्चों और हृदय रोग के मरीजों को सुबह और देर शाम को अधिक ठंड और कोहरा होने पर टहलने या घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। इस मौसम में छोटे बच्चों को निमोनिया होने का खतरा अधिक होता है और ठंड के कारण छोटे बच्चों को उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं। इसलिए बच्चों की देखभाल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शरीर के तापमान में गिरावट से बोलने में कंपन, नींद आना, मांसपेशियों में अकड़न और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
उन्होंने कहा कि बुखार को नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह शरीर में गर्मी की कमी के शुरुआती लक्षणों में से एक है। भारी कपड़ों की एक परत के बजाय हल्के कपड़ों की परतें पहननी चाहिए, क्योंकि तंग कपड़े रक्त प्रवाह को कम कर देते हैं। उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में गर्म तरल पदार्थों का अधिक उपयोग करना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर में शीत लहर से लड़ने के लिए गर्मी बरकरार रहेगी। विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। ठंड के मौसम में कभी भी घर के अंदर बंद कमरे में आग नहीं जलानी चाहिए, क्योंकि जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनती है, जो बंद कमरे में ऑक्सीजन की कमी कर देती है। जो हमारे लिए घातक हो सकता है। शराब पीने से बचना चाहिए, क्योंकि यह मानव शरीर के तापमान को कम करती है और हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ाती है।