Edited By Tania pathak,Updated: 12 Jun, 2021 02:03 PM

जब आपके मुंह में तकलीफ हो या अचानक दांत हिलने लगेे तो इस बात को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। खास कर जो मरीज कोरोना पॉजिटिव रह चुके हैं या शुगर के मरीज हैं...
बरनाला (विवेक सिंधवानी,गोयल): जब आपके मुंह में तकलीफ हो या अचानक दांत हिलने लगेे तो इस बात को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। खास कर जो मरीज कोरोना पॉजिटिव रह चुके हैं या शुगर के मरीज हैं। इन लक्षणों को नजर अंदाज करना घातक हो सकता है। यदि बीमारी बढ़ जाये तो मरीज का तालूआ काटना या जबाड़ा भी निकालना पड़ सकता है।
इम्यूनिटी कम होने के कारण हो जाता है ब्लैक फंगस
दांतो के माहिर डा. राजीव गर्ग ने बताया कि पहले फंगस कैंसर, एडज, गुरदा रोगी और शुगर के मरीजों में पाया जाता था। परन्तु अब कोरोना मरीजों की इम्यूनिटी घटने कारण भी फंगस को ग्रोथ करने का मौका मिल जाता है। जब कोरोना फैला था। उस समय ब्लैक फंगस केस बहुत कम थे। परन्तु अब एकदम बढ़ गए हैं। ब्लैक फंगस ज्यादा दवाईयां लेने से भी होता है। कुछ मरीज खुद भी स्टीराईड लेने लगते हैं। जिस कारण ब्लैक फंगस होने का खतरा बढ़ जाता है। परन्तु मैडिसन डाक्टरों की देख रेख में ही लेनी चाहिए।
गर्म पानी और माउथ वाश के साथ करने चाहिए गरारे
डा. राजीव गर्ग ने कहा कि कोरोना मरीजों को बीटाडीन या अच्छे माउथ वाश के साथ गरारे करने चाहिए। गर्म पानी में नमक डाल कर भी गरारे किये जा सकते हैं। यदि हम मुंह की सफाई अच्छी तरह रखेंगे तो खतरे के बावजूद भी फंगस की ग्रोथ को रोका जा सकता है।
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