सरकार ने बैंकों द्वारा किसानों को ऋण देने पर पाबंदियां लगाईं

Edited By swetha,Updated: 18 Aug, 2019 09:18 AM

government imposed restrictions on loans to farmers by banks

बैंकों द्वारा किसानों को कर्ज देने पर अब पंजाब सरकार ने कुछ पाबंदियां लगा दी हैं।

जालंधर(नरेन्द्र मोहन): बैंकों द्वारा किसानों को कर्ज देने पर अब पंजाब सरकार ने कुछ पाबंदियां लगा दी हैं। पंजाब सरकार ने निर्देश जारी करके कहा है कि बैंक किसानों की भूमि को देखकर ही उन्हें फसल कर्ज दें। अभी तक किसान अपनी भूमि के एक हिस्से की जमाबंदी देकर एक ही भूमि पर कई-कई बैंकों से ऋण लेते आ रहे थे जिसके चलते एक-एक किसान कर्ज के अनावश्यक बोझ तले दब गया था और ऋण वापस अदा करने में अक्षम हो चुका है। 

बैंकों के आग्रह पर पंजाब सरकार ने राजस्व विभाग को भी किसानों को उनकी भूमि के एक हिस्से की बजाय सिर्फ  पूरी जमाबंदी ही जारी करने को कहा है। सरकार ने बैंकों की सुविधा के लिए राजस्व विभाग के रिकार्ड को भी तेजी से डिजीटल करने के लिए कहा है ताकि बैंक डिजीटल रिकार्ड देखकर ही किसानों को कर्ज दे सकें। 

धड़ाधड़ ऋण लेने में जहां किसानों में भी दौड़ रही वहीं बैंकों के अधिकारियों ने भी अपने लक्ष्य पूरे करने तो कहीं भ्रष्टाचार की डुबकी लगाने के मकसद से किसानों को कर्ज दिया। पंजाब सरकार ने इस पर गहरी नाराजगी प्रकट की थी कि बैंकों ने एक-एक किसान को उसकी जरूरत और क्षमता से कई-कई गुणा अधिक ऋण दे रखा है, उसी का खामियाजा पंजाब और बैंकों के साथ-साथ किसान भी भुगत रहे हैं। किसानों के सिर कर्ज लगातार बढ़ रहा है और 30 जून 2019 तक कर्ज की यह राशि 76,201 करोड़ थी और डिफाल्टर राशि बढ़कर 8,631 करोड़ रुपए हो गई थी। वर्ष 2017 तक डिफाल्टर राशि 4,236 करोड़ रुपए थी जो पंजाब सरकार की कर्ज माफी योजना के बाद से घटने की जगह बढ़ती चली गई। 

सरकार की कर्ज माफी योजना के दौरान ही बैंकों द्वारा उपलब्ध करवाए डाटा से यह खुलासा हुआ कि एक-एक किसान को एक ही भूमि पर कई-कई बैंकों ने कर्ज दे रखा था। साफ तौर पर इसमें बैंकों की संदिग्ध भूमिका भी शामिल थी। तब पंजाब सरकार ने बैंकों को इस बात के लिए लताड़ा। सरकार ने बैंकों को कहा कि बैंक किसानों को उनकी क्षमता से ज्यादा कर्ज देना बंद कर दें। पंजाब के सहकारिता विभाग ने इस मामले में राज्य के सभी बैंकों को बाकायदा सर्कुलर जारी कर दिया। 

अपने धन की सुरक्षा के लिए बैंकों ने कर्जदार किसानों से खाली चैक भी ले रखे थे, वे भी बैंकों से वापस ले लिए गए। बैंकों द्वारा पंजाब सरकार द्वारा दिए आश्वासन में इसकी पुष्टि की गई है कि राज्य में सभी बैंकों ने किसानों से सिक्योरिटी के रूप में लिए खाली चैक वापस दे दिए हैं। यह सरकार की हिदायतों का ही परिणाम है कि गत एक वर्ष में किसानों को कर्ज देने में कुल 6 प्रतिशत की गिरावट आई है और अस्वीकार किए गए किसानों के ऋण आवेदनों में यह कर्ज ली जाने वाली राशि 4,276 करोड़ रुपए थी।

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