Edited By Vatika,Updated: 04 Dec, 2020 12:05 PM
अगर मांगे नहीं मानी गई तो हम इन घोड़ो की मदद से बैरिकेड्स को लांघकर दिल्ली में प्रवेश करेंगे।
नई दिल्लीः केंद्र द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का गुस्सा तेजी से आक्रमक हो रहा है। पिछले लगभग तीन महीनों से किसानों द्वारा जारी प्रदर्शन दिल्ली में अब केंद्र सरकार के खिलाफ उबल रहा है। इसी के चलते सिंघु बॉर्डर किसानों ने पुलिस के बैरिकेड्स लांघने के लिए रातों-रात पंजाब से 40-50 घोड़े मंगवाए है। यह घोड़े ट्रकों में लाए गए हैं, जिनके साथ पंजाब के कई लोग भी पहुंचे है। किसानों का कहना है कि पुलिस की कड़ी सुरक्षा को देखते हुए यह घोड़े मंगवाए गए है। अगर मांगे नहीं मानी गई तो हम इन घोड़ो की मदद से बैरिकेड्स को लांघकर दिल्ली में प्रवेश करेंगे। जरूरत पड़ने पर और भी घोड़े पंजाब से मंगवाएं जाएंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने वीरवार को किसानों के प्रतिनिधियों से चौथे दौर की बातचीत की। दोनों पक्षों में बैठक 8 घंटे तक चली, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल सका। सरकार ने एक बार फिर अगले दौर की वार्ता के लिए किसानों को 5 दिसम्बर को बुलाया है। बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि कृषि कानूनों में संशोधन हमें मंजूर नहीं है, हम तीनों कानूनों को वापस लिए जाने से कम पर नहीं मानेंगे।
किसानों ने रखीं ये प्रमुख मांगें-
- तीनों केंद्रीय कृषि कानून तत्काल वापस हों।
- एम.एस.पी. पर खरीद की गारंटी देने वाला कानून बने।
- एम.एस.पी. निर्धारण में स्वामीनाथन कमेटी फार्मूला लागू हो।
- पराली जलाने पर मुकद्दमा दर्ज करने का कानून रद्द हो।
- खेती के लिए डीजल आधी कीमत पर मिले।
- किसान नेताओं, एक्टिविस्टों पर दर्ज हुए मुकद्दमे वापस हों।
सरकार ने रखीं ये बातें-
- सरकार हर बिंदु पर विचार के बाद जरूरत के अनुसार संशोधन को तैयार।
- एम.एस.पी. है, एम.एस.पी. रहेगी, जरूरत अनुसार इसे और सशक्त किया जाएगा।
- ए.पी.एम.सी. एक्ट को और मजबूत करने के लिए सरकार हर प्रावधान लाएगी।
- मंडियों के बाहर ट्रेडर्स के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बनाई जाएगी।
- विवाद की स्थिति में सिविल कोर्ट जाने की मांग पर सरकार का सकारात्मक रुख।
- ए.पी.एम.सी. मंडियों और निजी मंडियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने पर विचार होगा।