किसान संगठनों का केन्द्र सरकार के साथ बैठक में शामिल होने से इंकार

Edited By Sunita sarangal,Updated: 13 Oct, 2020 09:02 AM

farmers  organizations refuse to attend meeting with central government

अमृतसर के देवीदासपुरा में किसानों का रेल रोको आंदोलन सोमवार को 19वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस अवसर पर किसानों.........

अमृतसर(वार्ता): पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार की तरफ से बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।

अमृतसर के देवीदासपुरा में किसानों का रेल रोको आंदोलन सोमवार को 19वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए समिति के प्रदेश सचिव सरवण सिंह पंधेर, सवन्दिर सिंह चुताला, गुरबचन सिंह चबा, हरप्रीत सिंह सद्धिवां, लखवन्दिर सिंह वर्यामनंगल ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से हरियाणा और देश के अन्य संगठनों को दोफाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खुद किसानों के साथ बैठक नहीं कर रहे हैं। भाजपा नेता ग्रेवाल लगातार कह रहे हैं कि कानून रद्द नहीं हो सकते, यह पत्थर पर लकीर है, बात करनी है तो कर लो। किसानों ने कहा कि भाजपा नेता तरूण चुघ कह रहे हैं कि वह सभी जिलों में काफ्रैंस कर किसानों को समझाएंगे और 13 अक्तूबर को ट्रैक्टर मार्च करेंगे जिसमें केंद्रीय मंत्री आएंगे। 

उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री यह कह रहे हैं कि यह ऐतिहासिक फैसला 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला है तो फिर केन्द्र का कृषि सचिव कोई फैसला कैसे कर सकता है। वह प्रधानमंत्री के उलट फैसला कैसे कर सकता है। 
किसान नेताओं ने कहा कि वे बातचीत करने के लिए तैयार हैं, मसले बातचीत के साथ ही हल होते हैं परन्तु मोदी सरकार की नीति ठीक नहीं है। वह जत्थेबंदियों में फूट डालना चाहती हैं। यदि प्रधानमंत्री देश और पंजाब, हरियाणा की जत्थेबंदियों को बुला कर यह कानून रद्द कर दें तो हम स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि किसान 23 अक्तूबर को अमृतसर में कॉर्पोरेट घरानों का पुतला फूंकेंगे और 25 अक्तूबर को पंजाब में गांव स्तर पर पुतले जलाए जाएंगे।

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