Edited By swetha,Updated: 09 Mar, 2019 08:22 AM
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के परिवार का गढ़ रही फरीदकोट की सीट पर अकाली दल कांग्रेस से आए जोगिंद्र सिंह पंजगराईं पर तो कांग्रेस अकाली दल के पूर्व नेता अजीत सिंह शांत पर दाव लगा सकती है।
जालंधरः पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के परिवार का गढ़ रही फरीदकोट की सीट पर अकाली दल कांग्रेस से आए जोगिंद्र सिंह पंजगराईं पर तो कांग्रेस अकाली दल के पूर्व नेता अजीत सिंह शांत पर दाव लगा सकती है। उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होने तक कांग्रेस और अकाली दल के उम्मीदवारों के नाम पर सस्पैंस कायम रह सकता है। यह सीट अकाली दल के प्रभाव वाली सीट रही है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के अलावा उनके पुत्र सुखबीर बादल भी इस सीट पर 3 बार सांसद रहे हैं, लेकिन 2009 की डी-लिमिटेशन के बाद यह सीट आरक्षित सीट हो गई थी जिसके बाद बादल परिवार को इस सीट से शिफ्ट होकर बठिंडा जाना पड़ा।
कांग्रेस छोड़ने वाले ‘शांत’ हो सकते हैं पार्टी के उम्मीदवार
कांग्रेस की तरफ से पार्टी के पूर्व विधायक रहे अजीत सिंह शांत का नाम इस सीट के लिए चर्चा में है। शांत ने 2013 में कांग्रेस का साथ छोड़कर अकाली दल का दामन थाम लिया था और 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान महलकलां सीट से अकाली दल के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे थे। पर चुनाव हार गए थे। इसके बाद 16 फरवरी को ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी में वापसी की है। उनकी कांग्रेस में वापसी के बाद फरीदकोट लोकसभा सीट से उनके नाम की चर्चा है।
साधु सिंह होंगे ‘आप’ के उम्मीदवार
आम आदमी पार्टी ने अपने मौजूदा सांसद साधु सिंह धर्मसोत को ही इस चुनाव के दौरान मैदान में उतारने का फैसला किया है। पार्टी ने उनके नाम की घोषणा अक्तूबर माह में ही कर दी थी। हालांकि विधानसभा चुनाव में बुरे प्रदर्शन और पार्टी में फूट के बाद फरीदकोट सीट पर ‘आप’ की स्थिति 2014 जैसी नहीं रही है क्योंकि इस सीट पर सुखपाल खैहरा की पंजाब एकता पार्टी, बसपा और लोक इंसाफ पार्टी का सांझा उम्मीदवार भी मैदान में होगा जिससे ‘आप’ का वोट बंटने की संभावना है।
कांग्रेस से आए पंजगराईं हो सकते हैं अकाली उम्मीदवार
पिछले लोकसभा चुनाव दौरान कांग्रेस की टिकट पर फरीदकोट से लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले जोगिंद्र सिंह पंजगराईं इस चुनाव में इसी सीट पर अकाली दल के उम्मीदवार हो सकते हैं। पंजगराईं ने भी इसी साल 16 जनवरी को कांग्रेस का साथ छोड़कर अकाली दल का दामन थामा है। वह 2007 के चुनाव में पंजगराईं विधानसभा हलके से विधायक बने थे जबकि 2012 में उन्होंने जैतो से चुनाव जीता था जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान वह भदौड़ सीट से चुनाव हार गए थे।
विधानसभा चुनाव में कमजोर हुई ‘आप’
2014 के चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने इस सीट के तहत आती निहालसिंहवाला, बाघापुराना, मोगा, फरीदकोट, धर्मकोट, कोटकपूरा और जैतो विधानसभा सीटों पर लीड बनाई थी लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में इन सीटों में से कांग्रेस ने बाघापुराना, मोगा, धर्मकोट और फरीदकोट सीटों पर लीड हासिल कर ली जबकि आम आदमी पार्टी की लीड निहालसिंहवाला, कोटकपूरा और जैतो तक ही सीमित रही। कांग्रेस ने रामपुरा फूल और गिद्दड़बाहा की सीटों पर भी जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को 4,46,474 वोट हासिल हुए जो उसे 2014 में मिले 2,51,222 वोटों के मुकाबले 1,95,252 वोट ज्यादा हैं। दूसरी तरफ अकाली दल को भी इस सीट पर वोटों के लिहाज से फायदा हुआ है। अकाली दल को 2014 में इस सीट पर 2,78,235 वोट हासिल हुए थे जो 2017 में बढ़कर 3,54,494 हो गए जबकि आम आदमी पार्टी को विधानसभा चुनाव के दौरान वोटों के लिहाज से नुक्सान हुआ और उसके वोट 4,50,751 से कम होकर 3,84,078 रह गए।
अकाली प्रभाव वाली सीट
यह सीट अकाली दल के प्रभाव वाली सीट रही है और 1977 के बाद इस सीट पर हुए 11 चुनावों में अकाली दल का उम्मीदवार 6 बार चुनाव जीता है जबकि एक बार यह सीट अकाली दल अमृतसर ने जीती है। कांग्रेस इस सीट पर सिर्फ 3 बार चुनाव जीती है। 2014 के चुनाव में यह पहला मौका था जब वोटरों ने किसी नई पार्टी के उम्मीदवार को चुन कर संसद में भेजा।
साल |
विजेता |
पार्टी |
1977 |
प्रकाश सिंह |
अकाली दल |
1980 |
गुरबिंद्र कौर |
कांग्रेस |
1985 |
शमशेर सिंह |
अकाली दल |
1989 |
जगदेव सिंह |
शिअद (मान) |
1992 |
जगमीत सिंह |
कांग्रेस |
1996 |
सुखबीर बादल |
अकाली दल |
1998 |
सुखबीर बादल |
अकाली दल |
1999 |
जगमीत सिंह बराड़ |
कांग्रेस |
2004 |
सुखबीर बादल |
अकाली दल |
2009 |
परमजीत कौर गुलशन |
अकाली दल |
2014 |
साधु सिंह |
‘आप’ |
संसद में साधु सिंह
हाजिरी-51%
सवाल पूछे 57
बहस में हिस्सा-7
फंड जारी-22.50 करोड़
फंड खर्च-20.98 करोड़
फंड शेष-2.32 करोड़
कुल फंड का 91.26 खर्च (स्रोत-एमपीलैड वैबसाइट)