Edited By Sunita sarangal,Updated: 11 Nov, 2019 03:03 PM
पराली के धुएं से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ता जा रहा है, चाहे इसके लिए एन.जी.टी., केंद्र सरकार और जिले की सरकारें जागरूकता मुहिम चला रही हैं
खन्ना: पराली के धुएं से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ता जा रहा है, चाहे इसके लिए एन.जी.टी., केंद्र सरकार और जिले की सरकारें जागरूकता मुहिम चला रही हैं, लेकिन पराली मैनेजमैंट को लेकर कोई ठोस हल नहीं निकाला जा रहा पर अब यही पराली 3 मेगावाट बिजली पैदा करेगी। वास्तव में, खन्ना और फतेहगढ़ साहिब के 2 उद्योगपति पराली मैनेजमैंट के लिए आगे आए हैं। खन्ना से वरिंदर गुड्डू और फतेहगढ़ साहिब से सुरिंदर कुमार करीब 25 गांवों के 2500 किसानों से 50 हजार टन पराली इकट्ठी कर 3 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहे हैं।
दोनों उद्योगपति बिजली के उत्पादन को 15 मेगावाट तक ले जाना चाहते हैं, जिसके लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से बैठक के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। वरिंदर गुड्डू का कहना है कि यदि पंजाब में पराली से 15 मेगावाट बिजली उत्पादन के 30 प्राजैकट लग जाएं तो जिले में पराली को आग लगाने की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी और इससे आने वाली पीढ़ियों को प्रदूषण से भी छुटकारा मिलेगा।