ढिल्लों ब्रदर्स मामले में एक और गवाह आया सामने, हुआ अब तक का बड़ा खुलासा

Edited By Kalash,Updated: 11 Nov, 2024 01:30 PM

dhillon brothers case witness

ढिल्लों ब्रदर्स की मौत के मामले में सामने आए एक और गवाह ने बड़ा खुलासा किया है।

जालंधर : ढिल्लों ब्रदर्स की मौत के मामले में सामने आए एक और गवाह ने बड़ा खुलासा किया है। कारज सिंह नाम के इस गवाह ने एस.आई.टी. को भी अपने बयान दर्ज करवाए हैं। कारज सिंह ने खुलासा करते बताया कि मानवजीत का बैठने को लेकर महिला पुलिस कर्मी के साथ विवाद हुआ था, जिसके बाद उसने थाने में हंगामा किया था।

कारज सिंह पुत्र जोगिंदर सिंह निवासी मोगा ने बताया कि 14 अगस्त से लेकर 17 अगस्त 2023 में जो हुआ, वह मौके पर ही था। वह अपने दोस्त मानवदीप उप्पल के साथ 14 अगस्त 2023 को थाना एक में गया था। एक घरेलू विवाद में दो पक्षों में से वह एक पक्ष की तरफ से गया था। दोनों पार्टियों के साथ बैठी। महिला कांस्टेबल जगजीत कौर और परमिंदर कौर के ससुराल परिवार के साथ मावनजीत ढिल्लों की बहस हो गई। दोस्तों ने ही मानव को समझाया और शांत करवा दिया था।

16 अगस्त को वह खुद मानवजीत, भगवंत भंता व अन्य लोग थाना एक में पुलिस द्वारा दिए समय पर पहुंच गए। थाने पहुंचे कांस्टेबल जगजीत कौर और मुंशी बलविंदर सिंह उसी केस की सुनवाई कर रहे थे। इसी दौरान दोनों पार्टियों में फिर बहस हो गई। ऐसे में पुलिस और मानवजीत की दोबारा से बहस हो गई और महौल खराब हो गया। जब बहस चल रही थी तो पूर्व एस.एच.ओ. नवदीप सिंह भी मौके पर पहुंचे जिन्होंने पारिवारिक सदस्यों को छोड़ सभी को कमरे के बाहर निकाल दिया। थाने के बाहर पहुंचते ही मानवजीत की चरणजीत सिंह के साथ भी बहस हो जाती है और चरणजीत भाग कर थाने में चला जाता है। कुछ समय बाद मानव को एस.एच.ओ. के कमरे में बुलाया गया जिसके बाद उसकी आवाज सुन कर वह एस.एच.ओ. के कमरे में गए तो पुलिस मुलाजिम मानवजीत को समझा रहे थे और फिर बाहर भेज दिया गया।

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कारज सिंह की मानें तो मानव की आवाजें सुन कर दोबारा से पूर्व एस.एच.ओ. नवदीप सिंह बाहर आए तो उसे चुप रहने को कहा। कुछ समय के बाद जिन दो पार्टियों में झगड़ा था, उनका राजीनामा हो जाता है लेकिन महिला कांस्टेबल जगजीत कौर ने जब पूर्व एस.एच.ओ. को मानवजीत की तरफ से दुर्व्यवहार करने की बात बताई तो उसके बयानों पर मानवजीत ढिल्लों खिलाफ 107-51 करके उसकी गिरफ्तारी डाल दी गई। फिर थाने में मानवजीत के पिता भी आए जिन्होंने एस.एच.ओ. और मानवजीत से बात की और वापस चले गए। बाद में मानवजीत के पिता ने उनके हाथ थाने में मानवजीत सिंह ढिल्लों की चल रही डिप्रेशन की दवाई और सलाद देकर आने को कहा था।

कारज और भगवंत भंता थाने के संतरी को दोनों चीजें देकर वापस लौट आए और अगले दिन मानवजीत को जमानत मिलने के बाद वह नवदीप सिंह के पास गया और अपने रवैये की माफी मांगी। कारज सिंह ने कहा कि उनके सामने एस.एच.ओ. ने मानव को कुर्सी को बैठाया और कहा कि वह फिर कभी मिलेंगे। कारज ने कहा कि मानवजीत ने एक भी बार भी उनके साथ बात नहीं की कि उसके साथ मारपीट हुई और उन्हें भी ऐसा नहीं लगा कि मानवजीत किसी बात को लेकर परेशान है।

कारज ने कहा कि उनके सामने एक भी बार थाने में किसी भी पुलिस कर्मी ने उसे जलील नहीं किया। कारज ने यह भी कहा कि जब मानवजीत के पिता ने उन्हें डिप्रेशन की दवाई के बारे बताया तो तब जाकर उन्हें पता लगा कि मानवजीत की डिप्रेशन की दवाई भी चल रही है और उसका इलाज भी जालंधर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।

उधर इस मामले को लेकर एस.आई.टी. की तरफ से एक भी स्टेटमैंट न आना कहीं न कहीं साबित कर रहा है कि कपूरथला पुलिस की इंवैस्टिगेशन में अभी तक कोई तथ्य सामने नहीं आ सका है जो साबित कर सके कि नवदीप सिंह व अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ जो कार्रवाई की वह सही है। हालांकि मानवजीत सिंह ढिल्लों के पिता जतिंदर पाल सिंह ढिल्लों से भी बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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