Edited By Subhash Kapoor,Updated: 19 Jun, 2025 09:13 PM

वेरका कैटल फीड प्लांट खन्ना में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। बताया जा रहा है कि वेरका कैटल फीड प्लांट खन्ना में करीब 1 करोड़ 32 लाख 91 हजार 731 रुपये के बारदाना घोटाले में विभागीय लापरवाही, रिकॉर्ड से छेड़छाड़ और निजी फर्मों के साथ मिलीभगत...
खन्ना : वेरका कैटल फीड प्लांट खन्ना में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। बताया जा रहा है कि उक्त प्लांट में करीब 1 करोड़ 32 लाख 91 हजार 731 रुपये के बारदाना घोटाले में विभागीय लापरवाही, रिकॉर्ड से छेड़छाड़ और निजी फर्मों के साथ मिलीभगत के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। मामले की शिकायत गांव रोहनों खुर्द के नंबरदार संतोख सिंह बेनीपाल द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई थी, जिसके बाद मिल्कफैड पंजाब ने गंभीरता से जांच शुरू की और दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। मिल्कफैड के प्रबंध निदेशक राहुल गुप्ता ने सख्त कार्रवाई करते हुए वेरका प्लांट की लेखा शाखा की इंचार्ज मनप्रीत कौर मांगट और स्टोर इंचार्ज जतिंदरपाल सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही घोटाले में संलिप्त पांच कर्मचारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने के लिए एस.एस.पी. खन्ना को पत्र लिखा गया है। विजिलैंस विभाग, लुधियाना को भी मामले की जानकारी दी गई है। प्लांट के ऑडिटर की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान प्लांट में 19 लाख 77 हजार 50 बैग बारदाना बेचा गया था। लेकिन रिकार्ड में हेराफेरी करके सिर्फ 10 लाख 80 हजार 300 बैग ही दर्शाए गए। इस तरह लगभग 8.97 लाख बैग की बिक्री छिपाकर 1.32 करोड़ रुपये की रकम का गबन किया गया।
जांच में सामने आया कि असली बिलों को लेखा शाखा की टैली सॉफ्टवेयर से डिलीट किया गया और बिलों में फेरबदल किया गया। ये कारनामे रैगुलर कर्मचारियों के साथ-साथ आऊटसोर्स एजैंसी के कर्मचारी अमरिंदर सिंह, बचित्र सिंह और दीपा खान की मिलीभगत से अंजाम दिए गए। जिन पांच निजी फर्मों से सांठगांठ की गई, उनमें शामिल हैं महाराजा ब्रदर्स, कलालमाजरा, एनके जूट ट्रेडर, खन्ना, राधा ट्रेडिंग कंपनी, खन्ना, श्रीराम बारदाना ट्रेडर खन्ना, लक्ष्मी बारदाना ट्रेडर, खन्ना। इन फर्मों को पुराना बारदाना बेचा गया, जिसकी बिक्री से प्राप्त धन सरकारी खाते में जमा नहीं हुआ।
गांव रोहनों खुर्द के नंबरदार संतोख सिंह बेनीपाल ने इस मामले की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री पंजाब के पोर्टल पर दर्ज करवाई थी। उन्होंने घोटाले के पीछे विभागीय मिलीभगत और निजी स्वार्थों की ओर ध्यान दिलाया। उनकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मिल्कफैड ने उन्हें सूचित किया कि विभाग जांच कर रहा है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान में दो अधिकारी निलंबित किए जा चुके हैं और एफ.आई.आर. के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आने वाले दिनों में सभी पांच कर्मचारियों और निजी फर्मों के संचालकों के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी है।