केंद्र तक पहुंचा जालंधर स्मार्ट सिटी का फीडबैक, सरकार की रडार पर आए भ्रष्ट अफसर

Edited By Kalash,Updated: 12 Jul, 2022 05:48 PM

corrupt officials jalandhar smart city on radar of modi government

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज से 7 साल पहले स्मार्ट सिटी मिशन की शुरूरुआत करके

जालंधर (खुराना): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज से 7 साल पहले स्मार्ट सिटी मिशन की शुरूरुआत करके जालंधर को देश के पहले 100 शहरों में शामिल किया था जिन्हें अरबों रुपए खर्च करके स्मार्ट बनाया जाना था। शहर को स्मार्ट बनाने के लिए केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपए की ग्रांट भी जारी की परंतु इसके बावजूद जालंधर शहर जरा-सा भी स्मार्ट नजर नहीं आ रहा। हालांकि इस शहर पर स्मार्ट सिटी के 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं और उनमें से कई प्रोजेक्ट अभी चल रहे हैं।

पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार को जालंधर स्मार्ट सिटी के करीब-करीब हर प्रोजेक्ट में धांधली संबंधी जो फीडबैक प्राप्त हो रहा है, उसके चलते अब जालंधर स्मार्ट सिटी कंपनी के कुछ भ्रष्ट अफसर (जो यहां से जा चुके हैं या वर्तमान में काम कर रहे हैं) मोदी सरकार के रडार पर आ गए हैं।

गौरतलब है कि पंजाब में भाजपा की पैठ मजबूत करने और केंद्र सरकार की जनकल्याण योजनाओं का आमजन तक प्रचार करने के उद्देश्य से गत दिनों केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने शहर का दौरा किया और केंद्र सरकार की स्कीमों को लेकर विभिन्न संगठनों से बैठकें की। केंद्रीय राज्यमंत्री को बताया गया कि हालांकि स्मार्ट सिटी कंपनी को केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपए की ग्रांट जारी की है परंतु इस कंपनी से संबंधित अफसरों ने कभी भी केंद्र सरकार को इसका श्रेय नहीं दिया और हमेशा पंजाब सरकार का ही गुणगान करते रहे।

माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ने पिछले 2-3 साल दौरान जालंधर में शुरू हुए स्मार्ट सिटी से संबंधित कामों में हुई गड़बड़ियों बारे डाटा जुटाने के निर्देश स्थानीय नेतृत्व को दिए हैं और उन्हें कहा है कि जल्द ही दोबारा शहर आकर वह इस मामले में कोई न कोई कार्रवाई अवश्य करेंगी।

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पंजाब सरकार और विधायकों की जय जयकार ही करते रहे स्मार्ट सिटी के अफसर

 

केंद्र सरकार की प्रतिनिधि साध्वी निरंजन ज्योति तक यह बात पहुंचाई गई कि स्मार्ट सिटी जालंधर से जुड़े अफसर पिछले सालों दौरान पंजाब सरकार और इसके विधायकों तथा अन्य कांग्रेसी नेताओं की ही जय-जयकार करने में व्यस्त रहे और उन्होंने कभी भी केंद्र की मोदी सरकार को इसका श्रेय नहीं दिया।

स्मार्ट सिटी द्वारा लगाए गए सभी प्रोजेक्टों के उद्घाटन पत्थरों पर पंजाब सरकार, इसके विधायकों, सांसद तथा अन्य कांग्रेसी नेताओं के नाम व ओहदे तो दर्ज थे परंतु किसी उद्घाटनी पत्थर पर केंद्र सरकार का कोई जिक्र तक नहीं। माना जा रहा है कि मोदी सरकार के उच्च नेतृत्व तक यह शिकायत पहुंचा दी गई है ।

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देसी ठेकेदारों को अलॉट कर दिए स्मार्ट सिटी के काम

 

जालंधर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों पर यह आरोप भी लग रहे हैं कि उन्होंने कमीशनबाजी को बढ़ावा देने के लिए अपने चहेते और देसी किस्म के ठेकेदारों को स्मार्ट सिटी से संबंधित ज्यादातर प्रोजेक्ट अलॉट कर दिए ।

इन ठेकेदारों ने घटिया तरीके और लापरवाहीपूर्ण ढंग से प्रोजेक्टों पर काम किया जिस कारण न केवल ज्यादातर प्रोजेक्ट अभी लटक रहे हैं बल्कि उनमें प्रयुक्त किया गया घटिया मटेरियल भी आने वाले समय में जांच का विषय बन सकता है ।

चंडीगढ़ में सैटिंग करके हुई भर्तियां

 

जालंधर स्मार्ट सिटी बारे केंद्र सरकार तक जो फीडबैक पहुंचाया जा रहा है, उसमें अफसरों की भर्तियों संबंधी स्कैंडल भी शामिल है। आरोप है कि चंडीगढ़ में पूरी तरह सैटिंग करने के बाद नगर निगमों से रिटायर हुए अधिकारियों को स्मार्ट सिटी में भर्ती कर लिया गया। जिन अधिकारियों पर निगम में रहते करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगे, उन्हें दोबारा मलाईदार पदों पर नौकरी दे दी गई।

उन्होंने स्मार्ट सिटी में भी निगमों जैसा माहौल पैदा कर दिया और अपने चहेते ठेकेदार फिट करके खूब गोलमाल किया। अफसरों ने सवा सवा लाख वेतन तो लिया पर कभी साइट विजिट नही की जिस कारण ज्यादातर प्रोजेक्टों में जमकर घटिया मटेरियल का इस्तेमाल हुआ।

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