Edited By Subhash Kapoor,Updated: 25 Sep, 2024 11:41 PM
एसटीएफ के पूर्व डी.एस.पी. वविन्द्र महाजन का मामला उस समय यू टर्न ले गया, जब उसके पारिवारिक सदस्य तथा उसके वकील एडवोकेट अजय विरमानी की टीम ने मीडिया समक्ष आते हुए उक्त दर्ज किए मामले पर संदेह जताते हुए कहा कि ये सारा मामला केवल दो व्यकितयों को...
अमृतसर (जशन, इन्द्रजीत) : एसटीएफ के पूर्व डी.एस.पी. वविन्द्र महाजन का मामला उस समय यू टर्न ले गया, जब उसके पारिवारिक सदस्य तथा उसके वकील एडवोकेट अजय विरमानी की टीम ने मीडिया समक्ष आते हुए उक्त दर्ज किए मामले पर संदेह जताते हुए कहा कि ये सारा मामला केवल दो व्यकितयों को ब्यानों पर ही बिना किसी भी इंक्वायरी के ही सीधे दर्ज कर दिया गया, जबकि जांच एंजेसी को मामला दर्ज करने से पहले डीएसपी वविन्द्र महाजन के भी ब्यान लेने या बात सुननी चाहिए थी। उन्होंने दर्ज किए मामले को पूरी तरफ से एकतरफा बताते हुए जांच एजेसी पर ही शंका जताते हुए कहा कि जांच एंजेसी ने मामला दर्ज करने में इतनी जल्दी क्यों की? उन्होंने सीधे तौर से मांग करते कहा कि इस सारे मामले की जांच सीबीआई से की जानी चाहिए। विरमानी ने कहा कि पंजाब सरकार ने पहले जांच दौरान डीसीपी वविन्द्र महाजन का तबादला एसटीएफ से बटालियन में कर दिया और फिर बिना उनकी बात व ब्यान लिए ही उन पर मामला भी दर्ज कर दिया।
इसी दौरान एडेवोकेट सांशा महाजन ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि कंपनी के प्रौडेक्ट एलप्रासेफ पर पूरे राज्य भर में 300 के लगभग मामले दर्ज है, लेकिन इन मामलों में एफआई नंबर 31 ही ऐसी इकलौती जांच पड़ताल है, जोकि उस मुकाम तक पंहुच चुकी थी, जहां पर कई नामी-गिरामी कंपनियों के ऊपर शिकंजा कसा जा चुका था और कुछ ही बड़े नामों का भी खुलासा होना बाकी था। उन्होंने कहा कि इस दौरान ही एसटीएफ में तैनात डीएसपी व जांच अधिकारी वविन्द्र महाजन का तबादला होना कई प्रकार के प्रश्न खड़े करता है? उन्होंने कहा कि जब जांच एंजेसी डीएसपी वविन्द्र महाजन के अमृतसर घर पर छापामारी करके जाती है तो उस दौरान बरामदगी के बारे में एसटीएफ के डीएसपी लिखित रूप से सबंधित थाने में बताते है कि छापामारी के दौरान वहां से केवल एक सरकारी पिस्टल, एक नक्शा (दो पेज) ही सामान मिला है। उन्होंने सारे मामले पर संदेह जारी किए है। वकीलों ने इस सारे मामले में सीबीआई या फिर एनआईए जांच एंजेसी से जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि डीएसपी वविन्द्र महाजन पर ये सारा मामला बिना किसी इक्वायरी के किसी दबाव में डाला गया है।