कैप्टन अमरेन्द्र ने बर्मा अभियान के विक्टोरिया क्रॉस विजेताओं के आश्रितों व सैन्य इकाइयों का सम्मान किया

Edited By Sunita sarangal,Updated: 16 Dec, 2019 09:26 AM

captain amarinder honoured military units of burma campaign

3 दिवसीय मिलिट्री लिटरेचर फैस्टीवल के समापन दिवस पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने बर्मा कैम्पेन से विक्टोरिया क्रॉस हासिल करने वाले यूनिटों तथा उनके आश्रितों को सम्मानित किया।

चंडीगढ़/जालन्धर(अश्वनी/धवन): 3 दिवसीय मिलिट्री लिटरेचर फैस्टीवल के समापन दिवस पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने बर्मा कैम्पेन से विक्टोरिया क्रॉस हासिल करने वाले यूनिटों तथा उनके आश्रितों को सम्मानित किया। जिन्हें ये सम्मान 1944 तक ब्रिटिश शासन के अधीन लड़े गए युद्धों में शौर्य दिखाने के कारण प्राप्त हुआ था। बर्मा कैम्पेन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने लैफ्टिनैंट कर्नल अनंत सिंह की पुत्री सुखजिंद्र कौर का सम्मान किया जिन्होंने 1965 के आप्रेशन के दौरान 4 सिख बटालियन का नेतृत्व किया था।

कैप्टन अमरेन्द्र सिंह जो स्वयं सेना में काम कर चुके हैं, ने कहा कि उन्हें बहादुर सैनिकों व सेना की यूनिटों का सम्मान करते हुए स्वयं गौरव महसूस हो रहा है जिन्होंने स्वैच्छा से बर्मा अभियान के दौरान लड़ाई लड़ी थी। उनकी स्मृतियां आज भी भारतीय सैनिकों के मनों में ताजा है। उन्होंने एम.एल.एफ. की सराहना करते हुए कहा कि इस सेना इकाई ने बहादुर सैनिकों की कुर्बानियों को याद रखा है। उन्होंने कहा कि नौजवानों में राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ाने के लिए ऐसे समारोह जरूरी हैं तथा ऐसे समारोहों से नौजवानों में रक्षा सेवाओं में शामिल होने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि यह गर्व व संतोष की बात है कि पंजाब के अनेकों नौजवानों ने एन.डी.ए. परीक्षा को पास किया है तथा वे राष्ट्र की सेवा के लिए सेना में भर्ती होने के लिए तैयार हैं।

मेजर जैकब तथा सूबेदार मेजर हर्षा बहादुर राणा जोकि 2/5 गोरखा राइफल से संबंध रखते हैं, ने नायक अगन सिंह राय (1944), सूबेदार नेत्रा बहादुर थापा (1944) तथा हवलदार गाजे घाले (1944) की तरफ से सम्मान हासिल किया। मेजर ठाकुर जो 2 सिख रैजीमैंट से संबंध रखते हैं, ने विक्टोरिया क्रॉस विजेता सिपाही इशार सिंह (1921) से अवार्ड हासिल किया। कर्नल नवदीप हरनल ने विक्टोरिया क्रॉस विजेता नायक नंद लाल (1944) जोकि 1/11 सिख से संबंध रखते हैं, से अवार्ड हासिल किया। अटर्ली रैजीमैंट से संबंध रखते मेजर मुकेश ने हवलदार उमराव सिंह (1944) से अवार्ड हासिल किया।

मुख्यमंत्री ने राइफल मैन तुल बहादुर कुन, राइफल मैन गुरांग जोकि 3/2 गोरखा राइफल (1945), राइफल मैन गंजुलामा 1/7 जी.आर. (1944), राइफल मैन लक्ष्मण घाले 4/8 जी.आर. (1945), लांस नायक शेरशाह 7/16 पंजाब (1945), सूबेदार रामस्वरूप सिंह 2/11 पंजाब (1944), नायक फजलदीन 7/10 बलूच (1945), प्रकाश सिंह चिब 14/13 एफ.एफ. राइफल्स (1945), हवलदार प्रकाश सिंह 5/8 (1943), नायक ज्ञान सिंह 4/15 पंजाब (1944), सिपाही भंडारी राम 16/10 ब्लूच (1944), अब्दुल हाफिज 3 जाट (1944) तथा लैफ्टिनैंट कर्मजीत सिंह जज, पंजाब (1944) का भी सम्मान किया। इससे पहले विभिन्न इकाइयों, संस्थाओं स्कूलों से संबंध रखते स्वयं सेवी समूह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार तथा एम.एल.एफ. के चेयरमैन लैफ्टिनैंट जनरल पी.एस. शेरगिल, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल तथा मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार प्रवीण ठुकराल भी मौजूद थे।

 

 

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