PM मोदी ने पंजाब और पंजाबियत के लिए जो काम किए हैं, इतने किसी सरकार ने नहीं किए : अश्वनी शर्मा

Edited By Vatika,Updated: 02 Jun, 2023 12:42 PM

bjp ashwany sharma

इस कार्यक्रम और सूबे के अन्य मसलों पर उनसे बातचीत की पंजाब केसरी के हरिश्चंद्र ने। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश:

जालंधर: केंद्र में सत्तासीन भाजपा सरकार की 9 साल की उपलब्धियों को पंजाब के हर गांव-शहर तक पहुंचाने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के नेतृत्व में कार्यकत्र्ता जुट गए हैं। एक माह तक प्रदेशभर में चलने वाले इस कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्री भी शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम और सूबे के अन्य मसलों पर उनसे बातचीत की पंजाब केसरी के हरिश्चंद्र ने। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश:

  • आपने आज से केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों को प्रदेशभर में पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है मगर विपक्षी दल इस पर टीका-टिप्पणी कर रहे हैं, क्या कहेंगे?
    विरोधियों का काम है विरोध करना और जिन्होंने काम करना है, उनका काम है, काम को करते रहना। नरेंद्र मोदी 9 साल से जिस प्रकार नए भारत के निर्माण में जुटे हैं, उसका साक्षी केवल हिंदुस्तान नहीं, पूरा विश्व है। उन्होंने अपने शासन की शुरूआत में कहा था कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। यह 9 साल गरीब कल्याण नीतियों को समर्पित रहे। उन्होंने एक ओर आर्थिक विकास किया, वहीं सामान्य जनमानस की जरूरतों को भी ध्यान में रखकर नीतियां बनाई। ये नीतियां जाति या मजहब के आधार पर नहीं बनाई गई, बल्कि इनका केंद्र बिंदु यही था कि जिसकी जो जरूरत है, उस तक कैसे उसे पहुंचाएं। जैसे आवास योजना की बात करें तो आज 3 करोड़ आम लोगों को घर मिला। 9 करोड़ से अधिक लोगों को गैस कनैक्शन मिला। कोरोना  महामारी में जब विकसित देश घुटनों पर आ गए थे, तब विकासशील देश होते हुए नरेंद्र भाई मोदी ने जिस प्रकाश भारत का नेतृत्व किया, उसकी प्रशंसा पूरी दुनिया में हुई। 200 करोड़ से अधिक मुफ्त वैक्सीनेशन अपने आपमें बड़ा काम था, जो मोदी सरकार ने किया। विश्व पटल पर भारत को आज जिस तरह देखा जाता है, वह हमारी विदेश नीति की सफलता है। आंतरिक सुरक्षा हो, या बाहरी, इस सरकार की नीति स्पष्ट रही है। करतारपुर कोरिडोर की हमारी लंबी मांग रही, बाबा नानक की कृपा से मोदी पी.एम. बने तो यह मांग भी पूरी हुई।
     
  • भाजपा कर्नाटक, हिमाचल का चुनाव हार चुकी है, विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं, क्या इसका असर 2024 लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा?
     लोकतंत्र में हर चुनाव का अपना स्वभाव होता है, उसे 2024 के चुनाव के साथ नहीं जोड़ सकते। म्यूनिसिपल चुनाव में अलग, विधानसभा के लिए अलग तरह का वोट पड़ता है और लोकसभा के लिए अलग तरह का। पिछली बार राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होते हुए भी कांग्रेस एक भी सीट लोकसभा की नहीं जीत पाई। हमारा लोकतंत्र इतना मजबूत हो चुका है कि मतदान के समय लोग ध्यान रखते हैं कि यह वोट देश के लिए, मोदी के लिए जा रहा है।
  • क्या पंजाब में 2024 चुनाव की तैयारी भाजपा ने शुरू कर दी है?
    इसका पूरा लाभ उठा रही है। चाहे माझा हो या मालवा, दोआबा हो या शहरी-ग्रामीण क्षेत्र, हमारे लिए कोई बंधन नहीं है। आज मेरी पार्टी के कार्यकत्र्ता को किसी भी गांव में जाने में, संगठन खड़ा करने में दिक्कत नहीं। हमारा फोकस यह है कि 2024 के चुनाव से पहले हर गांव में पार्टी की यूनिट बन जाए और इसमें लोग भी सहायक हो रहे हैं। आज पंजाब में यदि लोग किसी को आस के रूप में देख रहे हैं, तो वह भाजपा ही है। जमीनी स्तर पर गांवों में हर वर्ग अपनी पहली पसंद भाजपा को मान रहा है। यहां सरकारें बदलती रही मगर पंजाब नहीं बदला, इसी कारण लोगों ने आम आदमी पार्टी को मौका दिया। एक साल में उनसे भी निराशा ही लोगों को मिली। पंजाब आर्थिक दृष्टि से पिछड़ गया, यहां कानून का राज नहीं, किसान की हालत सुधर नहीं रही। पंजाबी ताने-बाने को कमजोर करने की कोशिश होने लगी हैं। ऐसे माहौल में लोगों को लगता है कि पंजाब को विकास की राह पर मोदी ही ला सकते हैं।

ऐसे में भाजपा के लिए पंजाब में जीत दूर नहीं

क्या भाजपा पंजाब में कुछ अच्छा कर पाएगी?
अपने कार्यकत्र्ताओं के दम व पंजाबियों के स्नेह से यह संभव होगा। जालंधर उपचुनाव में कौन विपक्ष के रूप में उभरा। कांग्रेस ने 5 विधानसभा सीटें गंवाई, हमने 2 जीती। हमारा वोट प्रतिशत 4 प्रतिशत से अधिक बढ़ा। नकोदर जैसी जगह पर हम 10,000 वोट लेकर आए, जो गांवों से ही आए। जैसे योजनाबद्ध तरीके से हम चल रहे हैं, हमने इस उपचुनाव में हर घर तक पहुंच बनाई। ऐसे में भाजपा के लिए पंजाब में जीत दूर नहीं।

कैप्टन, जाखड़ जैसे नेता भी भाजपा में आए, मगर अभी लोग इसे शहरी पार्टी क्यों मानते हैं?
संगठन समय मांगते हैं। हमारा कोरोना में एक साल निकला, फिर किसान आंदोलन में। शिअद से अलग हुए 3 साल होने को आए। संगठन के तौर पर हमने खुद को विकसित किया है। पहले शिअद बड़े पैमाने पर चुनाव लड़ता था, हम शहरों-कस्बों तक सीमित थे। आज हमारा हर गांव तक यूनिट बन रहा है।

क्या अकाली दल से अलग होना अ‘छा रहा भाजपा के लिए?
  बिल्कुल, भाजपा में लिए तो अ‘छा हुआ ही , पंजाब के लिए भी अ‘छा हुआ है। नरेंद्र मोदी ने जो पंजाब के लिए, पंजाबियों के लिए किया यदि वह इन बातों को लेकर हर गांव की हर चौपाल तक जाता तो जो लोग एक षड्यंत्र के तहत भाजपा की छवि खराब कर रहे थे, वह कामयाब न हो पाते। करतारपुर कोरिडोर बनाना, काली सूची को खत्म करना, फिर सुल्तानपुर लोधी के विकास के लिए पैसे देना, साहिबजादों की शहादत को वीर बाल दिवस के रूप में मनाना, 1984 के नरसंहार के दोषियों को जेल तक लेकर जाने वाला नरेंद्र मोदी है, पंजाबियों को जब यह बात पता चलती है तो उन्हें लगता है कि यह तो उन्हें बताया ही नहीं गया। आज हमारे पास मौका है कि प्रधानमंत्री ने पंजाब और पंजाबियत के लिए जो काम किए हैं, इतने किसी सरकार ने नहीं किए, उसकी जानकारी हर घर तक देकर जाएंगे।

पहले कभी कोई शोर क्यों नहीं हुआ?
एक ओर आप केंद्र की उपलब्धियां बता रहे हैं, दूसरी ओर विपक्षी दल संघीय ढांचे पर हमले के आरोप भाजपा सरकार पर लगा रहे हैं। जिस तरह दिल्ली में एल.जी. की शक्तियां बढ़ाई गईं, उससे विपक्ष लामबंद हुआ है। पहली बात यह समझनी होगी कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है, देश की राजधानी है और यह केजरीवाल के समय अधिकार कम नहीं हुए। पहले भी कई मुख्यमंत्री रहे हैं, तब कोई शोर क्यों नहीं हुआ। इनके समय ही क्यों यह मुद्दा उठा। दिल्ली जैसी संवेदनशील राजधानी को केजरीवाल के भरोसे क्यों छोड़ा जा सकता है। यह आर्डिनैंस देश और दिल्ली के हित में है। जो मुख्य सचिव घोटाले की जांच कर रहा है, सबसे पहले उसका तबादला करने की बात आई। जो लामबंद हो रहे हैं, वे वही लोग हैं जो परिवारवाद की राजनीति करके परिवार के विकास पर चलते रहे।

बीजेपी किसी परिवार की पार्टी नहीं, सिस्टम है
 

आप की जालंधर उपचुनाव में जीत पर क्या कहेंगे?
वो जमीनी हकीकत नहीं पहचान पा रहे। संगरूर उपचुनाव में उनका अहंकार टूटा था, अब फिर जालंधर के बाद बढ़ गया है। उन्हें अहंकार में ही रहने देना चाहिए। मैं इस बात में नहीं पडऩा चाहता कि इस जीत में किस तरह सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हुआ। जीत, जीत होती है, उसे स्वीकार करना चाहिए। हमें इतना ताकतवर होना चाहिए कि सरकारी तंत्र का वह दुरुपयोग ही न कर पाएं।

कांग्रेस समेत अन्य दलों से आए नेताओं को क्या जिम्मेदारी दी जाएगी, चुनाव में टिकट दी जाएगी?
जिम्मेदारी तो उन्हें दी गई है। जहां तक टिकट की बात है तो उसके लिए हमारा संसदीय बोर्ड है। बीजेपी किसी परिवार की पार्टी नहीं है, बीजेपी का एक सिस्टम है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, प्रधानमंत्री हैं, संसदीय बोर्ड है, इसमें 2-3 नाम जाते हैं। उसके अंदर समीक्षा करने के बाद जीत की क्षमता वाले को टिकट दी जाती है। अन्य दलों से आए सभी नेताओं की पार्टी में इन्वाल्वमैंट है, जालंधर उपचुनाव में भी थी।

आप 9 साल के कामों की बात कर रहे हैं, इस सिलसिले में कौन से बड़े नेता पंजाब आएंगे?
हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने पूरे देश को 144 कलस्टर में बांटा है, हरेक कलस्टर में 3-4 लोकसभा सीटें हैं। पंजाब को 4 कलस्टर में बांटा गया है व केंद्रीय मंत्रियों गजेंद्र शेखावत, मनसुख मांडविया, अर्जुन मेघवाल को 1-1 कलस्टर की जिम्मेदारी दी गई है। ताजा अभियान के तहत सूबे में हर घर तक केंद्र की उपलब्धियों को पहुंचाया जाएगा, इसके लिए पंजाबी बुकलैट तक तैयार की गई है। इससे पहले हर विधानसभा हलके में 1,000 परिवार चिन्हित किए जाएंगे, जिनकी समाज के विभिन्न वर्गों में पैठ होगी, इन तक वरिष्ठ नेताओं पहुंचेंगे। 

 

 

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