Edited By Urmila,Updated: 26 Aug, 2025 01:02 PM

पिछले 20 दिनों से आहली कलां बांध को टूटने से बचाने के लिए सेवा में लगे श्रद्धालु आखिरकार प्रकृति के आगे बेबस नजर आ रहे हैं।
सुल्तानपुर लोधी (धीर) : पिछले 20 दिनों से आहली कलां बांध को टूटने से बचाने के लिए सेवा में लगे श्रद्धालु आखिरकार प्रकृति के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। पिछले 2 दिनों से हो रही भारी बारिश और पौंग बांध से छोड़े जा रहे पानी ने ब्यास नदी में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और श्रद्धालु आहली कलां बांध को बचाने के लिए बार-बार सेवा में लगे हैं।
वाहेगुरु वाहेगुरु का जाप करते श्रद्धालु कह रहे हैं, "वाहेगुरु मेहर करीं।" आहली वाले बांध के भारी बारिश में जुटे श्रद्धालु, सामने दिख रहे प्राकृतिक नुकसान के बावजूद, सेवा के जरिए बांध को बचाने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं।

बांध की सेवा में जुटे सरपंच शमिंदर सिंह संधू, रशपाल सिंह संधू, करणजीत आहली ने बताया कि शिंदे की बैंक नजदीक बांध को नुकसान हुआ है और आधे से ज़्यादा बांधों में दरार पड़ चुकी है जिसे और नुकसान से बचाने के लिए संगत सेवा में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि एक पल के लिए तो लगता है कि खतरा टल गया है, लेकिन दूसरी तरफ जब ब्यास नदी में पानी का तेज बहाव सब कुछ तबाह कर देता है, तो हिम्मत जवाब दे जाती है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश ने जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
उन्होंने कहा कि पूरे इलाके की उम्मीद इस बांध के सलामत रहने पर टिकी है और अगर भगवान न करे बांध सलामत न रहा, तो बाढ़ से हलके के लोगों को बड़े पैमाने पर नुकसान होगा, जिसकी भरपाई करना बहुत मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि सेवा के लिए संगत की कोई कमी नहीं है, लेकिन अगर कुदरत ही न चाहे, तो कौन रोक सकता है।

संतों-महापुरुषों पर समाजसेवी संस्थाओं की मदद लगातार जारी
किसान नेता परमजीत सिंह बाऊपुर और कुलदीप सिंह सांगरा ने कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही मदद केवल आंकड़ों में है, जबकि सच्चाई कोसों दूर है। बाढ़ प्रभावित लोग खुद को बचाने के लिए खुले शिविरों में बैठे हैं क्योंकि फसलों को हुए भारी नुकसान के अलावा, अब लोगों की जान बचाना प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि संप्रदाय कार सेवा सरहाली साहिब के अलावा, धार्मिक संस्थाएं, समाजसेवी संस्थाएं, शिरोमणि प्रबंधक कमेटी गुरुद्वारा श्री बेर साहिब से लगातार लंगर और अन्य जरूरी सामान पहुंचा रही हैं, जिससे लोगों को काफी राहत मिली है। प्रशासन और अधिकारी मदद के नाम पर लोगों का मजाक उड़ा रहे हैं, जबकि सच्चाई कोसों दूर है। किसान नेता परमजीत सिंह बाऊपुर और कुलदीप सिंह सांगरा ने सभी समाजसेवी संस्थाओं और धार्मिक संस्थाओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में बहुत बड़ा सहयोग दिया है, लेकिन अब प्रभावित लोगों के पास हर तरह की सामग्री प्रचुर मात्रा में है।
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