Edited By Kamini,Updated: 03 Mar, 2023 02:49 PM

'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह आज श्री दरबार साहिब पहुंचे।
अमृतसर (गुरिंदर सागर): 'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह आज श्री दरबार साहिब पहुंचे। वह जत्थेदार से मिलने आया और उनकी मुलाकात सचिवालय में चल रही है। अजनाला थाने में धरने के दौरान अमृतपाल सिंह द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को बस वाली पालकी में लेकर जाने पर हुए विवाद के बाद जत्थेदार द्वारा धरना, प्रदर्शन व झगड़े वाली जगह पर पावन सरूप को ले जाने पर 16 सदस्यीय सब कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी को 15 दिन के अंदर रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया गया है।
उसी के चलते आज अमृतपाल सिंह भी श्री अकाल तख्त साहिब में नतमस्तक हुए। अब जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब से बंद कमरे में मीटिंग कर रहे हैं। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय नहीं होने का है राजनीतिक दलों द्वारा संचालित था। अमृतपाल सिंह ने कहा कि वह एक पंजाबी हैं और पंजाब में रहेंगे क्योंकि हमारे पूर्वजों ने पंजाब की धरती पर अपना खून बहाया और पंजाब आए। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर 6 मार्च को वे अजनाला कांड को लेकर केशगढ़ साहिब की धरती पर बुलाए जाएंगे और वे वहां जरूर होंगे और वे श्री अकाल तख्त साहिब के भगोड़े नहीं हैं और श्री अकाल तख्त साहिब के ये जत्थेदार बुलाते हैं तो वे हैं तो वहां पर जाकर अपना पक्ष जरूर रखेंगे।
जान को खतरे की बात को लेकर अमृतपाल सिंह ने कहा कि जब गुरुओं ने सांस लिखी है तक कोई कुछ नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि जो एजेंसियों जान को खतरे की बात कर रही हैं, लगता है इन्हें ही जान का सबसे ज्यादा खतरा है।
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