Edited By Tania pathak,Updated: 10 Sep, 2021 01:51 PM
देश के केंद्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा गुप्त तौर पर की गई मोहाली यात्रा अपने पीछे कई प्रश्न चिन्ह छोड़ गई है। डोभाल 2 केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल व जतिंदर प्रसाद....
मोहाली (नियमियां): देश के केंद्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा गुप्त तौर पर की गई मोहाली यात्रा अपने पीछे कई प्रश्न चिन्ह छोड़ गई है। डोभाल 2 केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल व जतिंदर प्रसाद के साथ मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की निजी गाड़ी में बैठ कर सीधे एससीएल में पहुंचे। एससीएल सेमी कंडक्टर लेबोरेटरी है जो कि इसरो का एक उपक्रम है और यह सेक्टर 72 में स्थित है। डोभाल तथा 2 केंद्रीय मंत्रियों के आने से लगभग आधा घंटा पहले इसरो के चेयरमैन के सिवन भी एससीएल पहुंच गए थे।
हैरानी की बात यह है कि प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के अलावा किसी को भी डोभाल के यहां आगमन के बारे में पता नहीं था। सूत्रों की माने तो केवल एस.एस.पी. तथा डिप्टी कमिश्नर को ही इस बात का आभास था कि यहां पर यह हाई फ़ाई बैठक होने जा रही है। यहां तक कि कुछ डीएसपी तथा एस.पी. रैंक के अधिकारी एस.सी.एल. के बाहर तैनात किए गये थे और उनको भी नहीं था पता कि अन्दर कौन आ रहा है। यह यात्रा शायद इसीलिए भी गुप्त रखी होगी क्योंकि भाजपा के नेताओं का किसानों द्वारा हर जगह विरोध किया जाता है और यदि इनके यहां आने के बारे में किसानों को आभास हो जाता तो वे एससीएल के बाहर ही धरना लगाकर बैठ जाते जिससे सभी को बड़ी परेशानी होती।
देश की सुरक्षा के मामले को लेकर इसरो नए नए पक्षपात बनाता रहता है। उनके कुछ मुख्य पुर्जे एससीएल में ही तैयार किए जाते हैं जिनमें मुख्यतः काम में आने वाले आई सी केवल एससीएल में ही बनाये जाते हैं। एशिया की सबसे बड़ी फैब यहां स्थापित की जानी है जिसके बारे में विचार विमर्श करने के लिए डोभाल अपने 2 केंद्रीय मंत्रियों के साथ यहां पहुंचे थे। पता चला है कि यह बड़ी फैब प्राथमिकता के आधार पर पंजाब में ही विस्तृत की जानी है क्योंकि यहां पहले से ही फैब लगी हुई है। इसके अलावा कर्नाटक में भी 1 जगह देखी गई है जहां फैब लगाई जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार यह टीम दोनों जगहों का दौरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपेंगी, जिस पर प्रधानमंत्री ने ही अंतिम निर्णय लेना है के फैब का विस्तार पंजाब में ही करना है या कर्नाटका में करना है। कर्नाटक में यदि फैब लगानी पड़ी तो वह नए सिरे से लगानी होगी तथा उसके लिए सारा मूलभूत ढांचा भी तैयार करना होगा। इसीलिए पंजाब में ही यह फैब लगाए जाने की प्रबल संभावना है। बता दें कि एससीएल के पास 50 एकड़ से अधिक भूमि है। इसके साथ ही 2 बंद हो चुकी फैक्ट्रियां हैं जिनकी 27 एकड़ ज़मीन वैसे ही रिक्त पड़ी है। पता चला है कि डोभाल ने पंजाब सरकार से कहा है कि यह 27 एकड़ ज़मीन एससीएल के हवाले कर दें ताकि यहां फैब बनाने में किसी तरह की कोई मुश्किल पेश न आए। इसी दौरान गत दिवस प्रधानमंत्री कार्यालय से 1 विशेष टीम ने एससीएल का दौरा किया। इस टीम को यहाँ देखते हुए कहा जा सकता है के प्रधानमंत्री कार्यालय पंजाब में ही फैब का विस्तार करने का इच्छुक है। यह आने वाले दिनों में पता चलेगा के यह फैब कहां लगाई जाती है।
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