Edited By Kamini,Updated: 15 Sep, 2025 12:11 PM

जिले के एक गांव की पंचायत ने अनोखा फरमान जारी किया है।
बठिंडा (विजय वर्मा): जिले के एक गांव की पंचायत ने अनोखा फरमान जारी किया है। पंजाब में प्रवासी मजदूरों को लेकर बढ़ रहा गुस्सा अब गांवों की पंचायतों के फैसलों में भी साफ दिखाई देने लगा है। ताजा मामला बठिंडा के गांव गहरी भागी का है, जहां पंचायत ने गुरुद्वारा साहिब के अंदर ऐलान करते हुए प्रवासी मजदूरों के खिलाफ 5 सख्त शर्तें लागू कर दी हैं।
- पंचायत द्वारा जारी किए गए नियम इस प्रकार हैं:
- प्रवासी मजदूर गांव में कोई घर या जमीन नहीं खरीद सकेंगे।
- इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों के लिए आधार कार्ड और वोट बनवाने पर पाबंदी रहेगी।
- गांव में आए प्रवासी सिर्फ खेत की मोटर पर ही रह सकेंगे।
- जिस किसान के खेत में प्रवासी मजदूर काम करेगा, उसकी पूरी जिम्मेदारी उसी किसान की होगी।
- हर प्रवासी मजदूर की पुलिस वेरिफिकेशन करवाई जाएगी।
गांववासी जगसीर सिंह ने बताया कि होशियारपुर समेत पंजाब के अलग-अलग इलाकों में प्रवासी मजदूरों द्वारा हो रही घटनाओं के कारण लोगों में आक्रोश है। गांव के सरपंच बलजीत सिंह ने कहा कि जो भी मजदूर काम के लिए आएगा, वह गांव में सेटल नहीं हो सकेगा। न तो उसे वोट मिलेगी, न आधार कार्ड बनेगा और न ही वह कोई जगह खरीद सकेगा। इस फैसले को किसान यूनियन का भी समर्थन मिला है। बी.के.यू. सिद्धूपुर ब्लॉक प्रधान जसवीर सिंह ने कहा कि यूपी-बिहार से आए प्रवासी मजदूर गांवों का माहौल बिगाड़ रहे हैं, इसलिए अब उन्हें रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हालांकि, गांव की पंचायत का यह फैसला विवाद का विषय बन गया है और इस पर प्रशासनिक हलकों में चर्चा तेज है।
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