Edited By Updated: 20 Dec, 2015 04:08 PM

पंजाब में लम्बे समय से पुलिस जवानों की पगड़ी का रंग लाल व नीला चला आ रहा है जिसे बदलने की समय-समय पर चर्चाएं चलती रही...
जालन्धर(धवन): पंजाब में लम्बे समय से पुलिस जवानों की पगड़ी का रंग लाल व नीला चला आ रहा है जिसे बदलने की समय-समय पर चर्चाएं चलती रही। अब नए डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा के हाथों राज्य पुलिस की कमान आने के बाद एक बार फिर से पुलिस जवानों की पगड़ी का रंग बदलने की चर्चा शुरू हो गई है।
डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने पंजाब पुलिस के मानव संसाधन विकास विंग के अधिकारियों को कहा है कि वह लाल व नीली पगड़ी को चरणबद्ध ढंग से अलविदा कहते हुए खाकी रंग को पहल दे। ए.डी.जी.पी. (ह्यूमन रिसोर्स डिवैल्पमैंट) एम.के. तिवारी को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।
बताया जाता है कि डी.जी.पी. को इस संबंध में हाल ही में पुलिस कर्मचारियों की ओर से ई-मेल भेज कर पुलिस सुधारोंको लागू करने के लिए कहा गया था। यह भी कहा जा रहा है कि इंडियन रिजर्व बटालियन के आई.जी. परमजीत सिंह ग्रेवाल ने भी हाल ही में यह मामला उठाया था तथा कहा था कि मौजूदा पगडिय़ां विशेष अवसरों पर ही बांधी जानी चाहिए। ग्रेवाल ने भी खाकी पगड़ी को पहल दी थी।
कुछ इतिहासकारों ने भी पंजाब सरकार से कहा था कि ब्रिटिश सरकार से पुलिस की पगडिय़ों का रंग यही चला आ रहा है क्योंकि गुलामी की मानसिकता को दर्शाता है।
कुछ लोगों ने यह भी कहा था कि मौजूदा पट्टीधारी पगडिय़ों को बांधने में पुलिस जवानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मौजूदा पगड़ी में लाल रंग के बाद नीले रंग की पट्टी जवानों को बांधनी पड़ती है। दूसरी ओर कुछ सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों का मानना है कि जवानों की मौजूदा पगड़ी का रंग ब्रिटिश समय से नहीं बल्कि महाराजा रणजीत सिंह के समय से यही चला आ रहा है। महाराज रणजीत सिंह के समय भी नीले व लाल रंग का प्रयोग फोर्स के लिए किया जाता था।
इन अधिकारियों का यह तर्क है कि अगर पगड़ी का रंग बदल कर खाकी कर दिया गया है तो फिर पुलिस की विशिष्ट पहचान खत्म हो जाएगी। खाकी रंग का प्रयोग करने से पुलिस जवान रोडवेज बस ड्राइवर या होमगार्ड जैसे लगेंगे। पगड़ी के रंग को बदलने को लेकर पुलिस अधिकारियों में एकमत्तता नहीं है। कई अधिकारियों द्वारा अलग-अलग सवाल उठाए जा रहे हैं। अब देखना यह है कि इस संबंध में पंजाब पुलिस का मौजूदा नेतृत्व क्या निर्णय लेता है।