Edited By swetha,Updated: 21 Sep, 2019 08:30 AM
हिन्दू धर्म में दशहरा पर्व अपना एक महत्व रखता है जो बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है।
जालंधर(खुराना): हिन्दू धर्म में दशहरा पर्व अपना एक महत्व रखता है जो बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। जगह-जगह दशहरे से संबंधित आयोजन होते हैं जिनमें लाखों लोग भाग लेकर रावण जैसी बुराई के अंत का गवाह बनते हैं।शहर के आदर्श नगर क्षेत्र में पिछले 38 वर्षों से उपकार दशहरा कमेटी दशहरे का सफल आयोजन करती आ रही है और इस बार 39वां दशहरा मनाने हेतु कमेटी ने निगमाधिकारियों को वैसा ही आवेदन दिया, जैसा पिछले सालों दौरान दिया जाता है।
इस बार उपकार दशहरा कमेटी को निगम ने परमिशन देने की बजाय साफ संदेश भेज दिया कि इस संबंधी परमिशन पुलिस कमिश्रर आफिस से ली जाए। उपकार दशहरा कमेटी के महासचिव रमेश शर्मा ने निगम के ज्वाइंट कमिश्रर हरचरण सिंह द्वारा दिए गए इस जवाब पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जिस स्थान पर दशहरा होता है, वह निगम की भूमि है। ऐसे में पुलिस कमिश्रर आफिस उस जगह पर आयोजन की अनुमति कैसे दे सकता है? पुलिस कमिश्रर आफिस तो आयोजन दौरान सिक्योरिटी व्यवस्था की परमिशन देता है जो निगम की परमिशन दिखा कर दशहरा कमेटी को मिलती है।
सालों-साल से निगम पहले ऐसी परमिशन देता आया है और बाद में पुलिस कमिश्रर आफिस से परमिशन ली जाती है, परंतु इस बार निगमाधिकारी न जाने क्यों टाल-मटोल कर रहे हैं और दूसरे के पाले में गेंद फैंक रहे हैं। रमेश शर्मा ने बताया कि परमिशन लेने संबंधी निगम आफिस में जो लैटर दिया गया था, उसे ऊपरी मंजिल तक तहबाजारी विभाग में जाने में ही 10-12 दिन लग गए, जो निगम की खराब हो चुकी कार्यप्रणाली को दर्शाता है। उपकार दशहरा कमेटी के चीफ आर्गेनाइजर एडवोकेट बृजेश चोपड़ा ने भी निगम के व्यवहार पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा है कि हिन्दुओं के त्यौहारों के साथ खिलवाड़ हरगिज नहीं होने दिया जाएगा। उधर यह सारा मामला डिप्टी कमिश्नर के दरबार में चला गया है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि शनिवार को ही इस मामले का हल निकालकर अवश्यक कार्रवाई की जाएगी।