Edited By Vatika,Updated: 24 Jul, 2020 04:26 PM
सी.पी.एस. सुरेश कुमार मान गए हैं और वह अपने पद पर बने रहेंगे। मंगलवार को उन्होंने मुख्यमंत्री को डाक द्वारा अपना इस्तीफा भेज दिया
जालंधर (सोमनाथ): सी.पी.एस. सुरेश कुमार मान गए हैं और वह अपने पद पर बने रहेंगे। मंगलवार को उन्होंने मुख्यमंत्री को डाक द्वारा अपना इस्तीफा भेज दिया था। बुधवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ उनकी डेढ़ घंटे चली बैठक के बाद उनका इस्तीफा बिना किसी औपचारिक बयान के वापस हो गया है। इस मौके पर दो कैबिनेट मंत्रियों के मौजूद होने की भी चर्चा है।
सुरेश कुमार के इस्तीफे के पीछे अफवाहें फैलाई जा रही थीं कि विन्नी महाजन के चीफ सैक्रेटरी बनने के बाद से उनके पास वे फाइलें नहीं जातीं जो पहले जाया करती थीं, लेकिन इस मामले में नया मोड़ आया है। वह यह है कि सुरेश कुमार की न तो विन्नी महाजन के साथ कोई नाराजगी है और न ही उनका उनके साथ कोई विवाद है। सूत्रों के मुताबिक उनकी नाराजगी एडवोकेट जनरल ऑफिस के साथ है, क्योंकि एडवोकेट जनरल ऑफिस उनके मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है। उल्लेखनीय है कि सुरेश कुमार का केस 24 फरवरी को कोर्ट में लगा था। उस दिन एडवोकेट जनरल अतुल नंदा कोर्ट में पेश नहीं हुए और उन्होंने अतिरिक्त एडवोकेट जनरल अनु चतरथ को भेज दिया था, जिन्होंने सुरेश कुमार के मामले में कोर्ट से समय मांगा था। हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई की अगली तिथि 18 मई, 2020 डाल दी थी। इसके बाद कोर्ट अब 14 सितम्बर, 2020 को इस मामले की सुनवाई करेगा।
सुरेश कुमार ने मुख्यमंत्री से कहा कि इस मामले में तेजी लाई जाए। अगर सरकार इस मामले में तेजी से कार्रवाई करती है तो वह वापस आने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि इस मामले में वह उचित कार्रवाई करेंगे। सूत्रों के मुताबिक जहां तक तबादलों का मामला है कि उनको पूछे बिना तबादले कर दिए गए हैं, इसमें कोई सच्चाई नहीं है। सुरेश कुमार की नाराजगी का कारण विन्नी महाजन बिल्कुल नहीं है।