गुरू नानक देव अस्पताल में डॉक्टरों की फीस 10 रुपए, पार्किंग वाले वसूलते हैं 20 रूपए

Edited By Vaneet,Updated: 18 Sep, 2019 05:25 PM

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मैडीकल शिक्षा और खोज विभाग के मंत्री ओम प्रकाश सोनी के ग्रह जिले में पड़ते सरकारी गुरू नानक देव अस्पताल में...

अमृतसर(दलजीत शर्मा): मैडीकल शिक्षा और खोज विभाग के मंत्री ओम प्रकाश सोनी के ग्रह जिले में पड़ते सरकारी गुरू नानक देव अस्पताल में मरीजों का जी भर कर शोषण हो रहा है। अस्पताल में डाक्टर को दिखाने के लिए सरकारी पर्ची का रेट 10 रुपए और जबकि पाकिंर्ग दो पहिया वाहनों को खड़ा करने के लिए ठेकेदार द्वारा 20 रुपए वसूले जा रहे हैं। अस्पताल के आधिकारियों की नालायकी के कारण अस्पताल कंपलैक्स की पर्ची देने की बजाय पाकिंर्ग में तैनात करिंदों द्वारा एस.डी.एम कंपलैक्स मजीठा की पर्चियां देकर अपनी जेबें गर्म की जा रही हैं। पाकिंर्ग के करिंदों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वह लोगों को सरेआम कहते हैं कि जहां मर्जी शिकायत कर लो मैडीकल सुपरिटैंडैंट को हमारा हिस्सा जाता है।

जानकारी अनुसार गुरू नानक देव अस्पताल में रोजाना हजारों मरीज दूर-दर्राज से सेहत सेवाएं लेने के लिए आते हैं। पंजाब सरकार की तरफ से मरीजों की सुविधा के लिए माहिर से माहिर डाक्टरों की सेहत सेवाएं जांचने की पर्ची का रेट 10 रुपए रखा गया, जबकि पार्किंग के ठेकेदार की तरफ से टू-व्हीलर वाहन के 20 रुपए और फॉर-व्हीलर वाहन के इससे भी ज्यादा वसूले जा रहे हैं। सरकार की आंखों में धूल डाल कर पार्किंग में तैनात करिन्दे अस्पताल कंपलैक्स की पर्ची नाम देकर एस.डी.एम. मजीठा कंपलैक्स की पर्चियां देकर मरीजों और उनके वारिसों से पैसे वसूल रहे हैं।

पंजाब केसरी की टीम द्वारा जब इस संबंधी अस्पताल का दौरा किया गया तो देखा गया कि अस्पताल में मरीज को दिखाने आए सतिन्द्र सिंह राजू अस्पताल की जगह पर मजीठा एस.डी.एम कार्यालय की पर्ची मिलने के कारण पाकिंर्ग के करिन्दे के साथ बहस कर रहा था और कारिंदा मरीज के वारिस को आंखें दिखा कर कह रहा था कि जो मर्जी कर लो मैडीकल सुपरिटैंडैंट को हमारी कमाई का हिस्सा जाता है। राजू ने पंजाब केसरी से बातचीत करते हुए कहा कि अस्पताल में अंधेर नगरी चोपट राजा वाली कहावत उचित बैठ रही है। मरीजों का शोषण हो रहा है और अधिकारी लहरें मान रहे हैं। इस घटना संबंधी उन्होंने मैडीकल सुपरिटैडैंट को भी फोन पर जानकारी देने की कोशिश की परन्तु सुपरिटैंडैंट डा. जे.एस. कुलार द्वारा अपना फोन ही नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि मंत्री को इस मामले को गंभीरता के साथ लेना चाहिए। इस संबंधी जब पाकिंर्ग में मौजूद ठेकेदार के करिन्दे के साथ बातचीत की गई तो उसने कहा कि अस्पताल की पर्चियां खत्म हो गई थी, इसलिए पुरानी पर्ची दी जा रही थी, जब ओर बातों के जवाब उससे मांगे गए तो वह कानों कतरा कर वहां से निकल गया।

जिक्रयोग्य है कि रेड क्रास सोसायटी पिछले लम्बे समय से पाकिंर्ग का ठेका चला रही थी परन्तु इस के बावजूद सोसायटी की तरफ से अस्पताल को कोई भी पैसा अस्पताल के विकास के लिए नहीं दिया जाता था। पाकिंर्ग का ठेका पिछले कुछ समय से खत्म हो गया है परन्तु आधिकारियों की मेहरबानी से ठेकेदार पाकिंर्ग अभी भी चला रहा है। मैडीकल शिक्षा और खोज विभाग की तरफ से फैसला किया गया कि यह पाकिंर्ग अस्पताल प्रशासन खुद चलाएगा परन्तु आधिकारियों की ढील के कारण यह पाकिंर्ग अभी तक चलाने सम्बन्धित मैडीकल सुपरिटैंडैंट द्वारा कोई योग्य कार्रवाई नहीं की गई है। प्रसाशनिक कार्यों का तुजुर्बा न होने के कारण डा जे.एस. कुलार मरीजों और उनकी वारिसों की शिकायतों को भी गंभीरता के साथ नहीं लेते हैं। इस संबंधी जब मैडीकल सुपरिटैंडैंट डा जे.एस. कुमार के साथ फोन पर कई बार संपर्क किया गया तो उन्होंने एक जिम्मेदारी वाली पोस्ट पर होने के बावजूद एक भी फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।
 

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