Edited By Sunita sarangal,Updated: 15 Mar, 2021 01:01 PM

नशे में पंजाब की युवा पीढ़ी अपनी जिंदगी को बर्बाद ही नहीं कर रही बल्कि अब तो युवावस्था में पहुंचने से पहले जान गवां रहे हैं। ऐसा ही.........
फिल्लौर(भाखड़ी): नशे में पंजाब की युवा पीढ़ी अपनी जिंदगी को बर्बाद ही नहीं कर रही बल्कि अब तो युवावस्था में पहुंचने से पहले जान गवां रहे हैं। ऐसा ही एक मामला फिल्लौर का सामने आया है जहां युवावस्था में पहुंचने से पहले ही नशे की ओवरडोज से एक नाबालिग युवक की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार गांव जगतपूरा का रहने वाला मनी (17) जो चिट्टे का नशा करने का आदी हो गया था। उसके ही एक करीबी साथी व गांव के कुछ लोगों ने बताया कि मनी पिछले 2 महीने से नशा छोड़ने की कोशिश कर रहा था और वह इसके जाल से निकल भी चुका था, लेकिन गत दिवस उसने शाम के समय चिट्टे का नशा कर लिया। जिसके बाद वह देर रात साढ़े 10 बजे घर के बाथरूम में गिर गया। गिरने के कारण उसके सिर में भी चोटे लग गईं। परिवार वालों ने जब उसे बाथरूम से बाहर निकाला तो उसके मुंह से झाग निकल रही थी। इलाज के लिए उसे सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया तो वहां उसने दम तोड़ दिया।
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एक साल में लगा दूसरा बड़ा झटका
जानकारी के अनुसार एक वर्ष में परिवार को दूसरा बड़ा झटका लगा। एक वर्ष पहले मनी के पिता का किसी कारण देहांत हो गया था। परिवार में कमाई का वही मुख्य सहारा था, परिवार उस सदमे से निकल नहीं पाया कि नशे की लत में फंसकर नाबालिग बेटा भी दुनिया से चला गया। मनी की दादी ने बताया कि उन्हें पहले नहीं पता था कि मृतक चिट्टे जैसे नशे का आदी हो चुका है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ऐसे लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें जो खुलेआम नशे बेचने का कारोबार कर रहे हैं।

गांववासी डा. विकास, शिव नंदा ने कहा कि वैसे तो सरकार के आदेश हैं कि नाबालिग को दुकान से सिगरेट देने पर दुकानदार के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अफसोस की बात है कि नाबालिग बच्चों को तस्कर खुलेआम नशा बेच रहे हैं। यही कारण है कि छोटे बच्चे भी अब इसके आदी हो रहे हैं और यह सब कुछ प्रशासन की नाक तले हो रहा हैं।
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गांव के आधा दर्जन बच्चे हैं चिट्टे के आदी
लोगों से बातचीत करने पर पता चला कि मृतक मनी ही नहीं बल्कि उसकी आयु के या फिर एक वर्ष बड़े आधा दर्जन बच्चे ऐसे हैं जो इस नशे की लत का शिकार हैं। प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाया तो मनी जैसे और युवक जिंदगी से हाथ धो बैठेंगे। यह कहानी केवल इसी गांव की नहीं बल्कि दूसरे गांव में भी बच्चे अब इस लत का शिकार हो रहे हैं।
मेरे बेटे को भी बचा लो नहीं तो वह भी जान से हाथ धो बैठेगा
मृतक के घर के बाहर खड़े बुजुर्ग दिहाड़ीदार व्यक्ति ने बताया कि 20 वर्ष का बेटा नशे का आदी है। 20 वर्ष की आयु में पहुंचने से पहले वह उसका 2 बार इलाज करवा चुके हैं लेकिन कुछ दिन छोड़ने के बाद वह फिर इसका सेवन करने लग जाता है। उसके बेटे ने बताया कि वह नशे के चक्कर में 9वीं कक्षा के बाद स्कूल नहीं गया। उसने यह भी बताया कि नजदीकी 4 गांव गन्ना पिंड, आलोवाल, रजापूर व तलवंडी में खुलेआम यह नशा आसानी से मिल जाता है।
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पैसे ज्यादा हो तो धुआं खींचते हैं, कम हो तो टीका लगाते हैं
इसी गांव के रहने वाले एक अन्य 19 वर्ष के युवक ने बताया कि वह भी 18 वर्ष की आयु में चिट्टे का आदी हो गया है। उस जैसे 5-6 और युवक हैं जो इसका सेवन कर रहे हैं। 400 रुपए में चीनी के 2 दाने जितना पाऊडर आसानी से उन्हें मिल जाता है अगर पैसे ज्यादा हो तो वह फॉयल पेपर के ऊपर रखकर नीचे आग लगाकर उसका धुआं खींच कर सेवन करते हैं। अगर पैसे कम हो तो फिर वह उसे गर्म पानी में मिलाकर उसका टीका लगा लेते हैं। इन छोटे बच्चों के पास इसका नशा करने के पैसे कहां से आ रहे हैं यह सोचने का विषय है। अमीर ही नहीं बल्कि गरीब परिवार के बच्चे भी इसका सेवन कर रहे हैं। एक बच्चे ने तो अपने बाजु पर दोपहर को लगाए टीके का निशान भी दिखाया कि वह भी इसका नशा करता है।
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