अगर आपके पास भी हैं हथियार तो जरूर पढ़ें ये खबर, जिला प्रशासन ने जारी किए ये आदेश

Edited By Kamini,Updated: 03 Dec, 2021 02:56 PM

you also have weapons the district administration has issued these orders

विधानसभा चुनाव 2022 की तिथि अभी तक घोषित नहीं की गई और न ही केन्द्रीय चुनाव आयोग की तरफ से कोड ऑफ कंडक्ट लागू किया गया है, लेकिन जिला प्रशासन ने चुनावों को शांतिपूर्वक ढंग से करवाने के लिए सख्ती शुरू कर दी है...........................

अमृतसर (नीरज): विधानसभा चुनाव 2022 की तिथि अभी तक घोषित नहीं की गई और न ही केन्द्रीय चुनाव आयोग की तरफ से कोड ऑफ कंडक्ट लागू किया गया है, लेकिन जिला प्रशासन ने चुनावों को शांतिपूर्वक ढंग से करवाने के लिए सख्ती शुरू कर दी है।

जिला मैजिस्ट्रेट एवं डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने एक आदेश जारी करते हुए सभी पुलिस थानों से संबंधित असला लाइसेंस धारकों को अपना असला जमा कराने के आदेश जारी कर दिए हैं। यह आदेश बकायदा लिखित रूप से जारी किए गए हैं और इसको तुरंत प्रभाव से लागू करने के लिए कहा गया है। जिन लोगों ने प्रशासन व पुलिस से लाइसेंसी हथियार ले रखे हैं, उनको अपने संबंधित पुलिस थानों या फिर असला डीलरों के पास हथियार जमा करवाना अनिवार्य कर दिया गया है अन्यथा कानूनी कार्रवाई पुलिस की तरफ से की जा सकती है। सभी पुलिस थानों के पास असला लाइसेंस लेने वाले लोगों की सूचि रहती है और इस पर पुलिस ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है बकायदा थानों से फोन करके लोगों को अपना असला जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है।

जानकारी के अनुसार डिप्टी कमिश्नर दफ्तर से संबंधित देहाती इलाके में ऑन रिकार्ड लगभग 25 हजार के करीब और इतने ही शहरी पुलिस जिसमें डी.सी.पी. दफ्तर से संबंधित इलाके में भी इतने ही हथियार हैं। इनको जमा करवाना पुलिस के लिए भी चुनौती भरा काम रहता है क्योंकि ज्यादातर लोगों के अपनी आत्मरक्षा के लिए हथियार रखने का लाइसेंस लिया होता है। लाइसेंसी हथियार रखने वाले लोगों में सुनार का काम करने वाले, बड़े कारोबारी, रीयल इस्टेट सैक्टर से जुड़े लोग, संवेदनशील कैटेगरी में काम करने वाले कर्मचारी शामिल रहते हैं, क्योंकि ऐसे लोगों को किसी प्रकार के हमले या फिर लूटपाट होने का भय लगा रहता है।

आमतौर पर यह देखा गया है कि विधानसभा चुनाव, निगम चुनाव या फिर किसी अन्य प्रकार के चुनावों से पहले जिला प्रशासन की तरफ से लाइसेंसी असला धारकों को अपना असला जमा कराने के आदेश जारी कर दिए जाते हैं। इस कार्रवाई से ज्यादातर लोग खुश नहीं होते हैं और ज्यादातर लोग यही कहते हैं कि सरकार को इस प्रकार की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सभी लाइसेंसी असला धारकों ने भारी भरकम सरकारी फीस भरकर व लाखों रुपया खर्च करके असला खरीदा होता है। उनको जान का खतरा रहता है, जो लोग सुनसान इलाकों में रहते हैं, उनको हमला होने या फिर किसी लूटपाट होने का भय बना रहता है, इसलिए ही ऐसे लोग असला का लाइसेंस बनवाते हैं और असला खरीदते हैं, लेकिन असला जमा करवाने के बाद ऐसे लोग खुद को असुरक्षित समझते हैं।

गैंगस्टरों, लुटेरों व बदमाशों के 2 नंबरी हथियार चुनौती 

चुनावों के दौरान प्रशासन की तरफ से लोगों से लाइसेंसी हथियार जमा करवा लिए जाते हैं लेकिन गैंगस्टरों, लुटेरों व बदमाशों के 2 नंबरी हथियार जब्त करने के बारे में पुलिस स्पष्ट नहीं कर पाती है। चुनावों के माहौल में वैसे भी बाहुबलि नेताओं की तरफ से ऐसे लोगों का प्रयोग किया जाता है और आम जनता को डराने धमकाने व बूथ कैपचरिंग से लेकर लड़ाई-झगड़े वाले सभी काम बदमाश लोग ही करते हैं और इनके पास 2 नंबर के अवैध हथियार हर समय रहते हैं। लाइसेंसी असला रखने वाले लोगों का पुलिस से यही सवाल बना रहता है कि दो नंबरी असला कैसे पकड़ा जाएगा और क्या कार्रवाई होगी। असला जमा करवाने के बाद क्या लाइसेंसी असलाधारक के जान माल की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी पुलिस या प्रशासन की रहेगी, हालांकि प्रशासन इस जिम्मेदारी का दावा करता है, लेकिन आमतौर पर देखा जाता है कि आम आदमी भगवान भरोसे ही रहता है।

हथियार जमा करवाने के मामले में विपक्षी दलों के निशाने पर रहते हैं सत्ताधारी

चुनावों के दौरान हथियार जमा करवाने के मामले में विपक्षी दलों के निशाने पर सत्ताधारी पार्टी के नेता रहते हैं और हर बार विपक्षी दलों का यही आरोप रहता है कि सत्ताधारी पार्टी ने अपने रसूक से विपक्षी दलों से संबंधित लोगों के हथियार तो जमा कर लिए, लेकिन अपने कारकूनों के हथियार जमा नहीं होने दिए ताकि वोटिंग या फिर चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी दलों के लोगों को दबाया जा सके या फिर डराया धमकाया जा सके। इस मामले में काफी हद तक सच्चाई भी रहती है, क्योंकि कई बार चुनावों के दौरान गोली चलने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

जिला मैजिस्ट्रेट एवं डिप्टी कमिश्नर अमृतसर गुरप्रीत सिंह खैहर बताया कि जिला प्रशासन व पुलिस की चुनावों के दौरान सबसे बड़ी जिम्मेवारी यही रहती है कि चुनाव शांतिपूर्वक ढंग से हो और किसी प्रकार की हिंसक घटना ना हो निष्पक्षता के साथ चुनाव करवाना ही प्रशासन की जिम्मेवारी रहती है और इसके लिए असला जमा करवाना जरूरी रहता है।

सुखचैन सिंह गिल, पुलिस कमिश्नर अमृतसर ने कहा कि असला जमा करवाकर पुलिस का सहयोग करे जनता आम जनता से अपिल की जाती है कि अपने हथियार पुलिस थानों में जमा करवा दें ताकि आने वाले विधानसभा चुनावों को शांति पूर्वक संपन करवाया जा सके।

 

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