Edited By Vatika,Updated: 11 Mar, 2023 10:20 AM

शिकार बनाकर उनके साथ ऑनलाइन ठगी की।
लुधियाना (रिंकू): इंटरनैट के इस युग में जहां नए आयाम स्थापित हो रहे हैं, वहीं साइबर ठग भी नए-नए हथकंडे अपनाकर ठगी करने में सफल दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इन साइबर ठगों को पकड़ने के लिए देश व राज्य, जिलों स्तरों पर साइबर विंग भी स्थापित किए हुए हैं लेकिन इसके बावजूद ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला लुधियाना मेें हुआ जहां ठगों ने पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परमिंदर मेहता को अपना शिकार बनाकर उनके साथ ऑनलाइन ठगी की।
परमिन्दर मेहता ने बताया कि उनके द्वारा मां वैष्णो देवी जी के दर्शनों के लिए हैलीकॉप्टर सेवा की टिकट बुक करने के लिए 3 मार्च को इंटरनैट के जरिए श्राइन बोर्ड के नाम वाली एक वैबसाइट पर क्लिक किया गया जिस पर सामने दिखे मोबाइल नंबर 8961163537 पर जब कॉल किया गया तो वहां से उनके नंबर पर अगले दिन काल बैक आई तथा उनसे हैलीकाप्टर बुकिंग संबंधी पूरे दस्तावेज लेकर दो टिकटों की गुगल के जरिये 6920 रुपए हासिल कर लिए गए, जिसके बाद हैलीकाप्टर बुकिंग की दो टिकट उनके व उनकी पत्नी के नाम पर बनाकर भेज दी गई जिसके तुरंत बाद ही उन्हें फिर वहीं से काल आया और इंश्योरैंस के लिए 8 हजार जमा करवाने के लिए कहते हुए बताया कि इसमें कुछ रकम कटने के बाद बाकी की पेमैंट रिफंड हो जाएगी।
मेहता ने कहा कि जब उन्हें इस बात को लेकर शक हुआ तो उन्होंने काम करने वाले शख्स को सवाल किया कि ऐसा तो उन्होंने कहीं नहीं सुना? जिस पर वह गोल मोल जवाब देते हुए हुए उनसे पेमैंट जमा करवाने के लिए दबाव डालने लगा, मना करने पर फोन काट दिया। मेहता ने कहा कि ठगी की आशंका होने पर उनके द्वारा फिर से श्राइन बोर्ड का नाम पता करके वहां हैल्पलाइन नंबर पर बात करके उन्हें टिकट के विवरण बताते हुए जानकारी हासिल की तो उन्होंने बताया कि यह टिकटें फर्जी हैं तथा जिस वैबसाइट के जरिए आपको कॉल आया है वह वैबसाइट व काल करने वाला शख्स भी फ्रॉड हैं। मेहता ने बताया कि इसके तुरंत बाद उनके द्वारा ठगी की शिकायत तो दर्ज करवा दी गई लेकिन 24 घंटे बीतने के बावजूद कोई अपडेट या जानकारी न मिलने पर उनके द्वारा लुधियाना साइबर क्राइम विंग के इंचार्ज इंस्पैक्टर से कॉल करके पूरी जानकारी व 1930 पर दर्ज करवाई शिकायत व अभी तक कोई एक्शन न होने के बारे में बताया गया। उन्होंने पुलिस कमिश्नर से अपील की कि वह साइबर विंग को निर्देश दें कि ऑनलाइन ठगी के शिकार पीड़ितों को लंबी कागजी कार्रवाइयों के चक्करों में डालने की बजाय ठगों को पकड़ने की ओर ध्यान दिया जाए, ताकि साइबर ठगों के बढ़ रहे मक्कड़जाल को खत्म किया जा सके।