Edited By Vatika,Updated: 21 Jun, 2025 11:24 AM

पंजाब वासियों के लिए जरूरी खबर है।
लुधियाना (खुराना): पंजाब में "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना" के तहत फ्री गेहूं का लाभ प्राप्त कर रहे 28 लाख के करीब लोग 30 जून 2025 के बाद सरकार द्वारा मुहैया करवाए जा रहे अनाज से वंचित हो जाएंगे l काबिले गौर है कि केंद्र सरकार द्वारा देश भर में गरीब और जरूरतमंद परिवारों से संबंधित राशन कार्ड धारकों को मुहैया करवाई जा रहे हैं फ्री गेहूं को और अधिक पारदर्शी तरीके से लागू करने के लिए लाभपात्र परिवारों की ई केवाईसी करवाने का काम अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है जिसके लिए सरकार द्वारा 30 जून 2025 तक आखिरी तारीख निर्धारित की गई है l ऐसे में पंजाब के 28,14,267 लोगों द्वारा ईकेवाईसी नहीं करवाने के चलते खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा उक्त राशन कार्ड धारकों के नाम सरकारी पोर्टल से डिलीट किए जा रहे हैं l
याद रहे कि केंद्र सरकार द्वारा मौजूदा समय दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से जुड़े लाभ पात्र परिवारों को 1 अप्रैल से लेकर 30 जून तक के लिए 3 महीने की फ्री गेहूं का लाभ दिया जा रहा है l तो वही केंद्र सरकार द्वारा राशन कार्ड धारकों की ई केवाईसी का काम निपटाने के लिए अंतिम समय सीमा 31 जून तक तय की गई है जिसमें सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 28 लाख से अधिक लोगों के आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट ईकेवाईसी योजना में रजिस्टर्ड ही नहीं हो पाए हैं या फिर इस फर्जी वाले के चक्कर और गेहूं के महा घोटाले में पंजाब के डिपो होल्डर, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कर्मचारी गरीब परिवारों के मुंह से रोटी के निवाले को चुराकर पिछले कई वर्षों से लाखों परिवारों के अधिकारों पर डाका डालने सहित सरकारी अनाज की कालाबाजारी का खेल खेलते आ रहे हैं l
विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में कुल 40 लाख 24 हजार 017 राशन कार्ड धारकों के 1 करोड़ 54 लाख 29 हजार 132 सदस्य जुड़े हुए हैं जिनमें से केवल 1 करार 26 लाख 14 हजार 865 मेंबरों ने ही ईकेवाईसी योजना का लाभ उठाया है जबकि 28 लाख 14 हजार 267 मेंबर रजिस्टर्ड नहीं हो पाने के कारण भविष्य में उन्हें फ्री गेहूं का लाभ नहीं मिल सकेगा l यहां बताना अनिवार्य होगा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से जुड़े प्रत्येक मेंबर को प्रति महीना 5 किलो के हिसाब से 3 महीने के लिए 15 किलो गेहूं फ्री दी जाती है मतलब अगर किसी राशन कार्ड में 7 मेंबर दर्ज है तो सरकार द्वारा उसे 105 किलो गेहूं का लाभ दिया जा रहा है l विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक राशन डिपो होल्डर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों की आपसी मिलीभगत के कारण राशन कार्डो बनाने में न केवल बाद फर्जीवाडा किया गया है बल्कि राशन कार्ड में भी गलत तरीके से मेंबर चढ़ाए गए हैं और उक्त फर्जी लोगों की गेहूं की बाजार में धड़ल्ले से कालाबाजारी कर डिपो होल्डरो एवं विभागीय कर्मचारियों अपनी तिजोरिया भरी जा रही है l
ऐसी कई शिकायतें मिलने के बाद सरकार द्वारा योजना के भागीदार राशन कार्ड धारकों की ऑनलाइन प्रणाली द्वारा ईकेवाईसी करवाने का काम शुरू किया गया है l और लाख कोशिशें के बावजूद भी पंजाब में केवल 82 फ़ीसदी परिवारों की ई केवाईसी का काम ही मुकम्मल हो पाया है जबकि 18 फ़ीसदी परिवारों की कोई खैर खबर तक नहीं मिली है सीधे लफ्जों में कहा जाए तो कथित तौर पर हवा में बोल रहे उक्त 18 फीसदी परिवारों की हिस्से की गेहूं एक सोची समझी साजिश के तहत संबंधित डिपो होल्डर, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर कई वर्षों तक डकारते रहे हैं l ऐसे में कई बड़े भेद खुलने के दर से डिपो होल्डर अब यह हवाला दे रहे हैं कि योजना से जुड़े अधिकतर राशन कार्ड धारक प्रवासी है जो कि अपने पैतृक गांव यू.पी, बिहार में अन्य राज्य को वापस लौट चुके हैं जिसके कारण उनकी ई केवाईसी का काम मझधार में लटका हुआ है l जबकि माना यह जा रहा है कि डिपो होल्डरों , खाद्य एवं आपूर्ति विभाग कर्मचारियों द्वारा अपनी दुकानदारी चलाने के लिए वर्षों पहले मर चुके अधिकतर लोगों और फर्जी मेंबरों के नाम राशन कार्डो में दर्ज कर रखे हैं और गेहूं की कालाबाजारी के इस चक्कर में प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए के घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है l असल में उक्त जुंडली की आपसी मिलीभगत के कारण ही सरकार द्वारा राशन कार्ड धारकों की बार-बार री वेरीफिकेशन करवाने के बाद भी लाभपात्र परिवारों की असल संख्या का पता नहीं चल पा रहा है l